नई दिल्ली | चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख को आखिरकार बदल दिया है। अब 14 फरवरी की जगह 20 फरवरी 2022 को पंजाब में मतदान होगा। लगभग सभी राजनीतिक दलों ने संत रविदास जयंती की वजह से इसकी मांग की थी. गुजारिश की गई थी कि मतदान की तारीख को एक हफ्ते आगे कर दिया जाए।
आज सोमवार को इस मामले के सन्दर्भ पर चुनाव आयोग ने एक अहम मीटिंग की थी। इस मीटिंग में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, BJP, और पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के पत्र पर मंथन किया गया था। सभी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती को देखते हुए मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है। सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग को अलग-अलग पत्र लिखा था. बहुजन समाज पार्टी ने भी यह मांग उठाई थी।
क्यों पड़ी चुनाव को टालने की ज़रूरत ?
पत्र में लिखा गया है कि 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती का पावन पर्व होने के कारण राज्य का एक बड़ा वर्ग पहले ही वाराणसी जा सकता है। ऐसे में अगर राज्य में मतदान हुआ तो वह लोग वोट देने के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।
राज्य में रविदासिया और रामदासी सिखों सहित अनुसूचित जाति की आबादी 32 फीसद से अधिक होने को इस अपील का आधार बनाया गया। इनका अधिकतर हिस्सा गुरु रविदास के प्रति अपनी श्रद्धा रखता है, ऐसे में ये श्रद्धालु हर साल गुरु रविदास जयंती पर श्री गुरु महाराज की वाराणसी स्थित समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने जाते हैं। लोग श्रीगुरू रविदास से जुड़े अन्य पवित्र स्थलों और तीर्थों की यात्रा भी करते हैं। लिहाजा जयंती से दो दिन पहले 14 फरवरी को मतदान का दिन होने से काफी फर्क पड़ेगा क्योंकि लोगबाग काशी यात्रा पर जा चुके होंगे।
प्रचार के लिए मिलेंगे इतने दिन
मतदान की तारीख जो कि छह दिन बढ़ाई गई है, इसके हिसाब से कुछ और बदलाव भी होंगे। जैसे अब इसके लिए अधिसूचना भी 25 जनवरी को जारी होगी। नामांकन पत्र एक फरवरी तक भरे जाएंगे। चार फरवरी को उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट जारी हो जाएगी। ठीक पंद्रह दिन प्रचार के लिए मिलेंगे। फिर 16 फरवरी को संत गुरु रविदास जयंती के चार दिन बाद यानी 20 फरवरी को मतदान होगा।
उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के साथ-साथ पंजाब में भी अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। पंजाब में एक चरण में वोटिंग होगी। राज्य के सभी 117 सीटों पर अब 20 फरवरी को मतदान होगा। वहीं वोटों की गिनती 10 मार्च को बाकी राज्यों के साथ की जाएगी।
पहली बार नहीं टला है मतदान
पंजाब में जिस तरह से चुनाव की तारीख बदली गई, वह पहली बार नहीं हुआ है। एक बार मिजोरम में चुनाव वाले दिन वहां का स्थानीय त्योहार पड़ गया था, जिसके चलते बदलाव हुआ था. इसी तरह झारखंड में चुनाव की तारीख भी बदल गई थी।