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RRB-NTPC Case: प्रदर्शन कर रहे छात्रों से रेल मंत्री अश्विनी ने की अपील, कहा-‘कानून हाथ में न लें छात्र, हम उनकी शिकायतों को लेकर गंभीर हैं’ बिहार में रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB), RRB NTPC CBT 2 और Group D CBT 1 की परीक्षा में धांधली के आरोप में छात्रों का प्रर्दशन अब उपद्रव का रूप ले रहा है

बिहार : बिहार में रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB), RRB NTPC CBT 2 और Group D CBT 1 की परीक्षा में धांधली के आरोप में छात्रों का प्रर्दशन अब उपद्रव का रूप ले रहा है, छात्रों ने अपने प्रदर्शन को हिंसा का रूप बना दिया है। कई जगह पर छात्रों ने आज यानी बुधवार को भी ट्रेनों में आग लगा दी। छात्रों के प्रदर्शन पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

रेल मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा की, मैं छात्रों से अनुरोध करता हूं कि वे कानून अपने हाथ में न लें. हम उनके द्वारा उठाई गई शिकायतों और चिंताओं को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘मैं अपने छात्र मित्रों से निवेदन करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी संपत्ति है, आप अपनी संपत्ति को संभालकर रखें। पुलिस प्रशासन कानून-व्यवस्था के आधार पर काम कर रहा है, कोई भी सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ न करें।

1 करोड़ से ज्यादा हुए आवेदन-
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, परीक्षा से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिली. एक लाख 40 हजार वैकेंसी है और एक करोड़ से ज्यादा आवेदन आए थे. उन्होंने कहा, इतनी बड़ी संख्या में परिक्षार्थी हों तो एक बार में परीक्षा लेना कठिन है, इस वजह से दो लेवल किया गया था।

4 मार्च को कमेटी देगी रिपोर्ट
रेल मंत्री ने कहा, हमें एक समाधान खोजना होगा कि जिन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे पीड़ित न हों, लेकिन जिन्हें शिकायतें हैं, उन्हें भी संबोधित किया जाएगा. उन्होंने कहा, राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बहुत संवेदनशीलता के साथ काम किया है. सारे छात्र बंधुओं से अनुरोध करूंगा कि वे अपने मुद्दों को औपचारिक तौर पर रखें, हम संवेदनशीलता के साथ विचार करेंगे. हम इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल चाहते हैं, हम विलंब नहीं करना चाहते. कमेटी को 4 मार्च तक रिपोर्ट देनी है।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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