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Lucknow Levana Hotel Fire : इन 5 नियमों को अनदेखा करने की वजह से लगी आग होटल में लगी आग से अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 8 से 10 घायलों का इलाज लखनऊ के सिविल अस्पताल में चल रहा है।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश | लखनऊ के लिवाना होटल में लगी आग की जांच में पुलिस ने होटल के मालिक और मैनेजर समेत 4 लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर इन 4 में से 3 को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है। इन तीनों को अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। होटल में लगी आग से अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 8 से 10 घायलों का इलाज लखनऊ के सिविल अस्पताल में चल रहा है।

जांच के दौरान होटल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं जिनमें यह भी है कि पिछले साल फरवरी 2021 में अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी FIRE NOC इसी शर्त पर दिया गया था कि वह एक अतिरिक्त स्टेयरकेस का निर्माण करेंगे. हालांकि अग्निशमन विभाग की कई आपत्तियों के बाद भी ऐसा नहीं हुआ.

मुकदमे में लगा जानलेवा अनियमितताओं का आरोप
राज्य की तरफ से दयाशंकर द्विवेदी की शिकायत पर होटल के मालिक पवन अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और जनरल मैनेजर सागर श्रीवास्तव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 और 308 के तहत मुकदमा हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराया गया है. अपनी तहरीर में आरोप लगाते हुए द्विवेदी ने कई बिंदुओं पर होटल के मालिक और प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है

मालिक और मैनेजर और उनके सहयोगियों ने होटल में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं की थी. होटल में इमरजेंसी एक्जिट और एंट्री का इंतजाम नहीं था.

बिजली की व्यवस्था अत्यंत अनियमित तरीके से थी और होटल की तरफ से कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गई थी जिससे धुंआ बाहर निकल सके.

होटल में असुरक्षित तरीके से तमाम गैस सिलेंडर रखे हुए थे तथा ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए खास सुरक्षा उपाय नहीं किए गए थे.

होटल के कमरों की खिड़कियों के बाहर लोहे के मोटे-मोटे ग्रिल लगाए गए थे जिससे ना तो खिड़की बाहर खुल सकती थी और ना ही खिड़की से बाहर कोई निकल सकता था. अग्निकांड के बाद अग्निशमन कर्मियों को भी उक्त ग्रिल के कारण खिड़की तोड़कर अंदर घुसने में काफी दिक्कतें आईं.

अग्निशमन विभाग के निर्देशों के बावजूद नहीं बनाई एक अलग सीढ़ी. लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी कार्यालय से जारी पत्र के मुताबिक फरवरी 2021 में होटल को FIR NOC इस शर्त पर दी गई थी कि वो एक अलग सीढ़ी बनाएंगे. सात महीने बाद भी ये नहीं हुआ तो फायर डिपार्टमेंट ने चिट्ठी लिखकर कर चेताया कि कोई हादसा हुआ तो इसका जिम्मेदार होटल प्रबंधन होगा और NOC रद्द कर दी जाएगी.

इस अग्निकांड की जांच का संयुक्त प्रभार लखनऊ के कमिश्नर रोशन जैकब और पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर को दिया गया है. कमिश्नर रोशन जैकब ने अपनी शुरुआती जांच में होटल में गंभीर अनियमितताएं पाई हैं और होटल को सील करके डेमोलिशन करने के आदेश भी दे दिए हैं. जांच की आंच लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों तक भी पहुंच सकती है. जैकब ने अपने आदेश में प्राधिकरण अधिकारियों की मिलीभगत की भी जांच करने के आदेश दिए हैं.

 

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