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वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से दिया इस्तीफ़ा, BJP में शामिल होने की संभावना उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल जारी है, आरपीएन सिंह को लेकर ऐसी अटकलें हैं कि बीजेपी उनको स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ टिकट दे सकती है।

नई दिल्ली | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह (RPN Singh) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि वो बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। आरपीएन सिंह ने खुद ट्विटर पर अपने इस्तीफे की खबर दी है।

आरपीएन सिंह ने कहा – आज, जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं। जय हिंद

आरपीएन सिंह ने सोनिया गाँधी को भेजा हुआ अपना इस्तीफे की कॉपी ट्विटर पर शेयर की।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल जारी है, आरपीएन सिंह को लेकर ऐसी अटकलें हैं कि बीजेपी उनको स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ टिकट दे सकती है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ दिन पहले ही बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं। उनके साथ बीजेपी के कई विधायक भी पार्टी छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए, बीजेपी के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है, चुनाव से ऐन वक्त पहले कई नेता पार्टी छोड़ गए, ऐसे में आरपीएन सिंह अगर बीजेपी ज्वाइन करते हैं, तो बीजेपी के लिए फायदा हो सकता है।

आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना के रहने वाले हैं। पडरौना में आरपीएन सिंह को राजा साहब कहा जाता है। वह 1996 से 2009 तक पडरौना से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। 2009 में वह कुशीनगर सीट से लोकसभा सांसद चुने गए। वह यूपीए-2 सरकार में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।

आरपीएन सिंह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं। वह टीम राहुल का अहम चेहरा रहे हैं टीम राहुल के सदस्य रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसास पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। माना जा रहा है कि आरपीएन सिंह के बीजेपी की तरफ जाने में भी अहम भूमिका सिंधिया की ही है।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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