दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर डॉक्टरों की मांगों को सुनने और नीट-पीजी काउंसिलिंग NEET-PG Counselling शुरू करने का अनुरोध किया है। देशभर के कई रेजिडेंट डॉक्टरों ने NEET-PG काउंसलिंग में देरी के खिलाफ अपना विरोध जारी है और बुधवार से सभी स्वास्थ्य सेवाओं को वापस लेने की चेतावनी दी है।
पीएम को लिखे पत्र में केजरीवाल ने लिखा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की बढ़ती चिंताओं के बीच केंद्र सरकार के अस्पतालों के डॉक्टर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह देखना बहुत निराशाजनक है कि विरोध करते हुए पुलिस द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि विरोध के कारण अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं, उन्हें सड़कों पर नहीं अस्पतालों में होना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि काउंसिलिंग में देरी से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। कई डॉक्टरों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई और उनकी मांगों को सुनना हमारा कर्तव्य है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”केंद्र के डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं। इन्होंने कोरोना में अपनी जान की बाजी लगाकर सेवा की। कोरोना फिर बढ़ रहा है। इन्हें अस्पताल में होना चाहिए, ना कि सड़कों पर इन पर जो पुलिस बर्बरता की गई, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। PM साहिब इनकी मांगे जल्द मानें। PM को मेरा पत्र”
Delhi CM Arvind Kejriwal in a letter to PM Modi condemns the “police brutality” during yesterday’s protest march of resident doctors over their demand to expedite NEET-PG counselling & urges him to find a solution soon pic.twitter.com/MzIz9rYebq
— ANI (@ANI) December 28, 2021
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने 29 दिसंबर को सुबह 8 बजे से डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा क्रूर बल के विरोध में देशभर में सभी स्वास्थ्य सेवाओं से पूरी तरह से वापसी का आह्वान किया।
24 दिसंबर को, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को NEET-PG काउंसलिंग संकट को हल करने और COVID-19 संक्रमण की संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए मेन पावर बढ़ाने के लिए एक पत्र लिखा। पत्र में कहा गया है कि NEET PG परीक्षा जनवरी 2021 में आयोजित होने वाली थी, लेकिन COVID-19 की पहली और दूसरी लहर को देखते हुए स्थगित कर दी गई और 12 सितंबर, 2021 को आयोजित की गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की कानूनी बाधाओं के कारण अब काउंसलिंग रोक दी गई है, जिसके परिणामस्वरूप फ्रंटलाइन पर 45,000 डॉक्टरों की कमी है।