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एक्सप्रेस-वे की रफ्तार को तीव्र करेगी योगी सरकार - गंगा और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के लिए किया गया धन आवंटित, एक्सप्रेस-वे के निर्माण और विकास में आएगी तेजी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेस प्रदेश’ बनाने की दिशा में कार्य कर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सरकार प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। इसी क्रम में गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में यात्री सुविधाओं को लेकर इस वर्ष जारी होने वाले वार्षिक अनुदान किस्त की अदायगी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 100 करोड़, जबकि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 40 करोड़ रुपए की किस्त जारी करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए योगी सरकार एक्सप्रेस-वे योजनाओं को गति दे रही है। यह सरकार के प्रयासों का ही असर है कि एक्सप्रेस-वे निर्माण की दिशा में यूपी तेजी से प्रगति कर रहा है।

मेरठ से प्रयागराज रूट पर होगा काम
प्रदेश में इस समय 7 एक्सप्रेस-वे क्रियाशील हैं, जबकि 6 निर्माणाधीन हैं। इनमें सबसे प्रमुख गंगा एक्सप्रेस-वे व बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे हैं, जो कई बड़े शहरों को कनेक्ट करते हैं। ऐसे में, मेरठ से प्रयागराज के मध्य बन रहे गंगा एक्सप्रेस-वे को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से 100 करोड़ रुपए की वार्षिक अनुदान किस्त जारी करने की हरी झंडी मिल गई है। गंगा एक्सप्रेस-वे की कुल अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपए है जिसमें से अब तक 4,775 करोड़ रुपए की धनराशि परियोजना के लिए जारी हो चुकी है, वहीं इस वर्ष इस क्रम में 100 करोड़ रुपए की धनराशि यूपीडा द्वारा जारी की जा रही है। गौरतलब है कि पीपीपी मॉडल के आधार पर 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का प्रदेश में निर्माण किया जा रहा है और चार चरणों में पूर्ण होने वाली इस योजना की घोषणा नरेंद्र मोदी द्वारा 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में की गई थी। वर्ष 2024 तक इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूर्ण होना अनुमानित है।

बुंदेलखंड पर विशेष फोकस
प्रदेश में बुंदेलखंड में विकास कार्यों में तेजी लाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पिछली सरकारों में यह क्षेत्र उपेक्षा का शिकार रहा, जबकि सीएम योगी के सत्ता संभालने के बाद इस क्षेत्र का प्रदेश के बाकी क्षेत्रों की तरह विकास सुनिश्चित हुआ है। हाल के दिनों में सीएम योगी ने यहां कई परियोजनाओं को प्रारंभ किया है तो वहीं, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के जरिए प्रदेश में आए 35 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश को धरातल पर उतारने के लिए जिन क्षेत्रों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है उनमें बुंदेलखंड भी प्रमुख है।

यही कारण है कि आम लोगों की सुविधा, कनेक्टिविटी, परिवहन को सुगम बनाने और बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ किया गया है। यह एक्सप्रेस-वे चित्रकूट को आगरा से लेकर प्रयागराज तक जोड़ता।

प्रदेश सरकार ने यहां यात्री सुविधाओं समेत अन्य विकास परियोजनाओं के लिए वार्षिक अनुदान किस्त के तौर पर 40 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त करने को स्वीकृति दी है और यूपीडा को इस संबंध में आदेशित भी कर दिया है। गौरतलब है कि 14,849 करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं के लिए अब तक 6,270 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। मौजूदा राशि का उपयोग परियोजना के दौरान अन्य निर्माण कार्यों, रख-रखाव समेत विभिन्न मदों में किया जाएगा।

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