लखनऊ | त्रिपुरा की जनता ने कम्युनिस्ट और कांग्रेस को दरकिनार कर फिर से कमल खिला दिया। 2023 विधानसभा चुनाव में राज्य की 60 में से 32 सीटों पर भगवा लहराया। एक सीट सहयोगी दल आईपीएफटी को मिली। पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस चुनावी रण में पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की अपील को मतदाताओं ने वोट के रूप में परिवर्तित किया। योगी आदित्यनाथ ने त्रिपुरा की 6 सीटों पर प्रचार किया था, इन सभी सीटों को मतदाताओं ने भाजपा की झोली में डाल दिया। त्रिपुरा में 60 सीटों पर 16 फरवरी को वोट पड़े थे।
2 दिन में 6 सीटों पर किया था प्रचार, रैलियों में खड़ा था बुलडोजर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 की व्यस्तताओं में से भी समय निकालकर दो दिवसीय दौरे पर त्रिपुरा गए थे। यहां उन्होंने छह सीटों पर प्रचार किया था। वहां का आमजन योगी आदित्यनाथ का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। जब योगी आदित्यनाथ वहां पहुंचे तो पूर्वोत्तर राज्यों में भी उनके बुलडोजर रैलियों में खड़े दिखे।
त्रिपुरा में कम्युनिस्ट राज समाप्त कराने में योगी की भूमिका अग्रणी
भारतीय जनता पार्टी ने 2018 विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत हासिल करते हुए सरकार बनाई। उस वक्त भी यह चर्चा आम रही कि लगभग ढाई दशक से राज कर रहे कम्युनिस्ट की राजनीति पर विराम लगाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ की भी भूमिका रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपीठाधीश्वर भी हैं। यह नाथ संप्रदाय की अग्रणी पीठ है। यहां नाथ संप्रदाय की आस्था से जुड़े लोगों की संख्या कुल आबादी की लगभग आधी के आसपास है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ का प्रचार में उतरना भाजपा के लिए काफी कारगर रहा। वहीं इस बार योगी आदित्यनाथ ने दूसरे दिन धालेश्वर स्थित महायोगी गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में शीश झुकाकर पूजन अर्चन किया था।
योगी आदित्यनाथ ने इन सीटों पर किया था प्रचार
सीट प्रत्याशी जीत का अंतर
बागबासा जादब लाल नाथ – 1461
कल्याणपुर-प्रमोद नगर पिनाकी दास चौधरी – 6613
टाउन बारडोवाली-प्रो. डॉ. माणिक साहा – 1257
फटीकराय-सुग्धांशु दास – 5112
सूर्यमणि नगर- राम प्रसाद पाल – 1908
मजलिशपुर- सुशांत चौधरी – 5172