Uttarakhand | उत्तराखंड के होनहार युवा अपनी मेहनत लगन से प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। मानसी नेगी के बाद अब चमोली के ही परमजीत बिष्ट ने प्रदेश को गौरावान्वित किया है। बताया जा रहा है कि चमोली जनपद के छोटे से गांव से निकल परमजीत बिष्ट ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उनके पिता गांव में छोटी से दुकान चलाते है। मुफलिसी को पीछे छोड़ अब परमजीत दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन करने वाले है।
मिली जानकारी के अनुसार परमजीत ने जापान में आयोजित एशियन वॉक रेस चैंपियनशिप में 1 घंटा 20 मिनट 06 सेकंड में रेस पूरी कर नौवें स्थान पर रहकर किया उन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है।वे अब 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक में वॉक रेस स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। बता दें कि परमजीत का स्कूल के दिनों से ही देश के लिए ओलिंपिक में मेडल जीतने का लक्ष्य रहा। उनकी पढ़ाई राजकीय इंटर कालेज, बैरागना से हुई है। उनके पिता जगत सिंह बिष्ट खल्ला गांव में छोटी सी दुकान चलाते हैं। तो मां गृहणी है। अपने सपने को पूरा करने के लिए परमवीर ने मुफलिसी को आड़े नहीं आने दिया। सब परेशानियों से लड़कर अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने ओलंपिक तक पहुंचने का सफर तय किया है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2017 से परमवीर ने स्कूल से ही वाक रेस की तैयारी शुरू कर दी थी। आसपास उपयुक्त मैदान नहीं होने पर वह गोपेश्वर में किराये पर कमरा लेकर तैयारी करने लगे। स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया के अंडर-17 व अंडर-19 आयु वर्ग के रिकार्ड भी परमजीत के नाम हैं। खेलो इंडिया में भी परमजीत ने स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा फेडरेशन की ओर से आयोजित कई प्रतियोगिताओं में भी परमजीत ने पदक जीते हैं। हांगकांग में हुई एशियन यूथ चैंपियनशिप में भी उन्होंने कांस्य पदक जीता।
बताया जा रहा है कि परमजीत इससे पहले भी दिल्ली में आयोजित खेलो इंडिया गेम्स में 5 किलोमीटर वॉक में गोल्ड जीतकर उत्तराखण्ड का नाम रोशन कर चुके हैं। परमजीत बिष्ट बीते वर्ष खेल कोटे से इंडियन नेवी में चयनित हो गए थे। तब से वह साईं सेंटर बेंगलुरु में अभ्यास कर रहे हैं। मानसी नेगी के बाद चमोली जनपद के परमजीत बिष्ट दूसरे एथलीट हैं। वह अपने खेल को निरंतर निखारने का प्रयत्न करते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि परमजीत पेरिस ओलिंपिक में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाएंगे।