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UP Elections 2022 : 36 मुस्लिम उम्मीदवारों की हुई जीत, किस पार्टी ने दिए सबसे ज़्यादा विजेता ? 20 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाले राज्य के कुल 403 विधायकों में नवनिर्वाचित विधायक 8.93 प्रतिशत हैं।

उत्तर प्रदेश | 18वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा में मतदाताओं ने 36 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुना है। यह आंकड़ा पिछली बार की तुलना में 2 अधिक है। 20 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाले राज्य के कुल 403 विधायकों में नवनिर्वाचित विधायक 8.93 प्रतिशत हैं।

चुने गए प्रमुख मुस्लिम विधायकों में मोहम्मद आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान, जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास और भतीजे मन्नू शामिल हैं।

जेल में बंद सपा नेता आजम खान ने रामपुर में, 1,21,755 वोट हासिल किये। बीजेपी के आकाश सक्सेना 56,368 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

इसके अलावा सुआर विधानसभा क्षेत्र में, आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम को अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां के 65,059 मतों के मुकाबले 1,26,162 मत मिले और उन्होंने जीत दर्ज की।

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने मऊ में एसबीएसपी के टिकट पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह को 38,227 वोटों से हराया।

पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे और मुख्तार के भतीजे सुहैब अंसारी उर्फ मन्नू ने मोहम्मदाबाद (गाजीपुर) से बीजेपी की मौजूदा विधायक अलका राय को 18,199 मतों के अंतर से हराया है।

इसके अलावा कैराना सीट पर सपा के नाहिद हसन ने बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह के 1,05,148 वोटों के मुकाबले 1,31,035 वोट हासिल किए।

निजामाबाद (आजमगढ़) में स्पा के 85 वर्षीय वयोवृद्ध आलम बादी बीजेपी के मनोज को 34,187 मतों के अंतर से हराकर फिर से निर्वाचित हुए।

मेरठ की किठौर विधानसभा सीट पर एसपी के शाहिद मजूर और बीजेपी के सतवीर सिंह के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। शाहिद मजूर ने 2,180 मतों के मामूली अंतर से सीट जीती।

कुंदरकी (मुरादाबाद) से एसपी सांसद शफीकुर रहमान बर्क के बेटे जिया-उर-रहमान ने बीजेपी के कमल कुमार को 43,162 मतों से हराकर जीत हासिल की है।

समाजवादी पार्टी ने इस बार बहुत काम मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।

बसपा ने 88 और कांग्रेस ने 75 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने भी समुदाय के 60 से अधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। हालांकि जिस तरह से समुदाय ने मतदान किया, ऐसा लगता है कि ज्यादातर मुसलमानों पसंद एसपी बनी रही। बसपा और एआईएमआईएम को भी कुछ सीटों पर मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिला।

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