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खाली मैदान में कुत्ता घुमा सकें इसलिए इस IAS अफसर ने खिलाडियों को निकलवा फेंका बाहर, जानिए पूरा मामला 1994 बैच के आईएएस अधिकारी खिरवार इन आरोपों को सरासर गलत बता रहे हैं।

नई दिल्ली | दिल्ली सरकार के आधीन आने वाला त्यागराज स्टेडियम आजकल एक कुत्ते के टहलने को लेकर चर्चा में बना हुआ है। ये स्टेडियम 2010 में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान बनाया गया था। यहां शाम के 7 बजते ही खिलाडियों और उनके कोच को बाहर जाने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि IAS अधिकारी संजीव खीरवार अपने कुत्ते को घुमा सकें। संजीव खिरवार फ़िलहाल दिल्ली के प्रधान सचिव (राजस्व) हैं। बातचीत के दौरान मीडिया को बताया गया है की ऐसा पिछले कई महीनों से चल रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस ने एक कोच के हवाले से बताया है – “हम पहले यहाँ 8-8:30 बजे तक ट्रेनिंग कराते थे। लेकिन अब हमें शाम के 7 बजते ही स्टेडियम छोड़ने के लिए कहा जाता है ताकि अधिकारी अपने कुत्ते को टहला सकें। इस वजह से हमारी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस पर असर पड़ रहा है।”

दूसरी तरफ, 1994 बैच के आईएएस अधिकारी खिरवार इन आरोपों को सरासर गलत बता रहे हैं। हालाँकि उन्होंने ये माना कि वह ‘कभी-कभी’ अपने पालतू कुत्ते को स्टेडियम में टहलाने के लिए ले जाते हैं। लेकिन इस बात से इनकार किया कि इससे एथलीटों के प्रैक्टिस पर कोई असर पड़ता है।

चौधरी ने कहा – “हमें शाम 7 बजे तक स्टेडियम बंद करना होता है। आप सरकारी कार्यालय का समय कहीं भी चेक कर सकते हैं। यह (स्टेडियम) भी दिल्ली सरकार के अधीन एक सरकारी कार्यालय है। मुझे ऐसी किसी बात की जानकारी नहीं है कि कोई अधिकारी यहाँ कुत्ता टहलाने के लिए आते हैं। मैं शाम सात बजे तक स्टेडियम से निकल जाता हूँ। इसलिए मुझे इसकी जानकारी नहीं है।”

रिपोर्ट के मुताबिक 24 मई 2022, यानी मंगलवार को देखा गया कि शाम 7:30 बजे के बाद अपने कुत्ते को लेकर स्टेडियम पहुँचे। पालतू कुत्ते को ट्रैक और फुटबॉल के मैदान में घूमते देखा गया। सिक्योरिटी गार्ड भी आसपास दिखे।

वहीं खिरवार ने कहा – “मैं किसी एथलीट को स्टेडियम छोड़ने के लिए कभी नहीं कहूँगा। मैं स्टेडियम के बंद होने के बाद जाता हूँ। हम उसे (कुत्ते) ट्रैक पर नहीं छोड़ते हैं। जब कोई आस-पास नहीं होता है तो हम उसे छोड़ देते हैं। अगर इसमें कुछ आपत्तिजनक है तो मैं इसे रोक दूँगा।”

वहीं कोच और एथलीटों का दावा है – “पहले, हमने रात 8:30 बजे तक और कभी-कभी रात 9 बजे तक भी ट्रेनिंग की। लेकिन अब हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।” कई एथलीटों ने बताया कि उन्होंने अपनी ट्रेनिंग भारतीय खेल प्राधिकरण के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ट्रांसफर कर ली है, जो सिर्फ 3 किमी दूर है। वहाँ शाम 7:30 बजे के बाद फ्लडलाइट्स चालू हो जाती है। JLN स्टेडियम के एक कोच ने कहा, “बच्चे यहाँ रात 8:30 बजे तक ट्रेनिंग लेते हैं। गर्मी की छुट्टियों के दौरान, हमारे प्रैक्टिस एरिया में जगह की कमी हो जाती है क्योंकि मुख्य स्टेडियम ट्रैक का नवीनीकरण का काम चल रहा है।”

त्यागराज स्टेडियम में राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय स्टार के खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं। मीडिया में मामला सामने आने के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बताया कि मामला सामने आने के बाद सरकार ने सभी स्पोर्ट्स सेंटर्स को खिलाड़ियों को रात के 10 बजे तक सुविधाएँ मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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