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Samsung Galaxy S21 FE 5G की बिक्री भारत में शुरू, खरीदी में मिल सकता है 5000 रूपए का CASHBACK Galaxy S21 FE 5G Cashback offer: सैमसंग ने हाल ही में Galaxy S21 FE 5G लॉन्च किया है. इसकी बिक्री भारत में आज से शुरू हो रही है. इसे खरीदने पर 5,000 रुपये का कैशबैक भी पा सकते हैं.

नई दिल्ली | भारत में आज से Galaxy S21 FE 5G की बिक्री शुरू हो गई है। Samsung ने इसके साथ कुछ ऑफर्स का भी ऐलान किया है। ये फ़ोन दरअसल कंपनी के पिछले साल के फ्लैगशिप सीरीज का टोन डाउन वर्जन है। इसमें कई नए स्पेसिफिकेशन्स दिए गए हैं।

Galaxy S21 FE 5G को सैमसंग की वेबसाइट सहित दूसरी ई-कॉमर्स वेबसाइट और सेलेक्ट रिटेल स्टोर्स से खरीदा जा सकता है।

Samsung द्वारा दिए जा रहे ऑफर्स की बात करें तो Galaxy S21 FE 5G को 49,999 रुपये की इफेक्टिव कीमत के साथ खरीदा जा सकता है। इसी तरह 8GB रैम और 256GB स्टोरेज वेरिएंट को 53,9999 रुपये की इफेक्टिव कीमत पर खरीदा जा सकता है।

इफेक्टिव कीमत यानी इसमें 5,000 रुपये का कैशबैक भी शामिल है जि HDFC कस्टमर्स को मिलेगा. Galaxy S21 FE 5G की असल कीमत 58,999 रुपये से शुरू होती है. लेकिन ऑफर के बाद इसे आप कम कीमत पर खरीद सकते हैं।

इस फ़ोन को कई अलग अलग कलर वेरिएंट में खरीदा जा सकता है। जैसे ऑलिव, लैंवेंडर, व्हाइट और ग्रेफाइट जिन कस्टमर्स ने इसके लिए प्री बुकिंग कराई है उन्हें 2,699 रुपये वाला Galaxy SmartTag फ्री में मिलेगा।

बात करें Galaxy S21 FE 5G के स्पेसिफिकेशन्स की, तो इस स्मार्टफोन में Galaxy S21 Ultra वाला ही प्रोसेसर यानी Exynos 2100 दिया गया है।

सैमसंग के इस नए फ़ोन में फुल एचडी प्लस डायनैमिक AMOLED 2X डिस्प्ले दी गई है। फोन का टच सैंपलिंग रेट 240Hz का है और इसमें तीन रियर कैमरे दिए गए हैं।
Galaxy S21 FE 5G में दिए जाने वाले कैमरा सेटअप की बात करें तो इसमें 12 मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर है, दूसरा 8 मेगापिक्सल का टेलीफोटो लेंस है, जबकि 12 मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड लेंस है।

4500mAh की बैटरी और 25W के फ़ास्ट चार्ज की सुविधा के साथ इस फ़ोन में पावर शेयर फीचर भी दिया गया है। इससे दुसरे फ़ोन की भी वायरलेस चार्जिंग की जा सकती है।

 

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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