तेलंगाना | PM मोदी आज हैदराबाद पहुंचे और यहां उन्होंने BJP के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। इसी सम्बोधन के दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि ‘परिवारवादी’ पार्टी सिर्फ एक राजनीतिक समस्या नहीं है बल्कि हमारे देश के लोकतंत्र और युवाओं की सबसे बड़ी दुश्मन है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तेलंगाना के लोग देख रहे हैं कि जब एक परिवार को समर्पित पार्टियां जब सत्ता में आती हैं, तो कैसे उस परिवार के सदस्य भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा चेहरा बन जाते हैं। परिवारवादी पार्टियां सिर्फ अपना विकास करती हैं, अपने परिवार के लोगों की तिजोरियां भरती है।
पीएम मोदी आज हैदराबाद में स्थित आईएसबी हैदराबाद के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के सपनों को लेकर आगे बढ़ रहा है। हमारे स्टार्टअप्स आज पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप ecosystem हैं। अभी कुछ दिन पहले ही, भारत का सौंवां यूनिकॉर्न हमारे सामने आया है। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों अलग-अलग चुनावों में भाजपा की जीत इस बात का स्पष्ट संकेत है कि तेलंगाना में अब लोगों ने मन बना लिया है। तेलंगाना में अब अब बदलाव पक्का है. तेलंगाना में अब भाजपा तय है।
पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा ने पिछले 8 सालों में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ देश की निरंतर सेवा की है। गरीब, पिछड़ा, दलित, आदिवासी, हमारी माताएं बहनें, हमारे अंत्योदय के सारे साथी, उनका उत्कर्ष भाजपा की आस्था है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज के इस युग में भी जो लोग अंधविश्वास के गुलाम बने हुए हैं, वो अपने अंधविश्वास में किसी का भी नुकसान कर सकते हैं। ये अंधविश्वासी लोग तेलंगाना के सामर्थ्य के साथ कभी न्याय नहीं कर सकते। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जहां-जहां परिवारवादी पार्टियां हटी हैं, वहां वहां विकास के रास्ते भी खुले हैं। अब इस अभियान को आगे बढ़ने की जिम्मेदारी तेलंगाना के मेरे भाइयों बहनों की है।
पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवाद की वजह से देश के युवाओं को, देश की प्रतिभाओं को राजनीति में आने का अवसर भी नहीं मिलता। परिवारवाद उनके सपनो को कुचलता है और उनके लिए हर दरवाज़ा बंद कर देता है। इसलिए, आज 21वीं सदी के भारत के लिए परिवारवाद से मुक्ति, परिवारवादी पार्टियों से मुक्ति एक संकल्प भी है।