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नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा कन्नौज का परफ्यूम पार्क – नवनीत सहगल कन्नौज के इत्र की सुगंध देश विदेश में फैली हुई है। राज्य सरकार ओडीओपी योजना के तहत इत्र उद्यमियों की हर संभव सहायता कर रही है

24 अगस्त । कन्नौज का इत्र एक जिला-एक उत्पाद ओडीओपी योजना के तहत चयनित उत्पाद है। कन्नौज के इत्र की सुगंध देश विदेश में फैली हुई है। राज्य सरकार ओडीओपी योजना के तहत इत्र उद्यमियों की हर संभव सहायता कर रही है। ऐसे में बुधवार को अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई नवनीत सहगल ने कन्नौज पहुंचकर यहां के इत्र कारोबारियों के साथ बैठक की। बैठक में परफ्यूम पार्क के साथ साथ इत्र कारोबारियों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई।

नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा कन्नौज का परफ्यूम पार्क : नवनीत सहगल

नवनीत सहगल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का बनाने के लिए योगी सरकार फोकस कर रही है। ऐसे में कन्नौज का इत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि एक जनपद एक उत्पाद के अंतर्गत कन्नौज का इत्र विदेशों तक में अपनी महक से फैला रहा है। यही नहीं प्रदेश सरकार इत्र उद्योग के विकास के लिए तकनीकी के इस्तेमाल और इनोवेशन को भी बढ़ावा दे रही है। सरकार का मकसद है कि कन्नौज के इत्र उद्योग को और ज्यादा बढ़ाया जाए ताकि यहां के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मुहैया हो सके।

सरकार ने निर्यात नीति में बदलाव कर भी सरकार ने इत्र व्यापारियों को लाभांवित : नवनीत सहगल

नवनील सहगल ने परफ्यूम पार्क का जिक्र करते हुए कहा कि नवंबर तक कन्नौज के इत्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए परफ्यूम पार्क भी बनकर तैयार हो जाएगा। अभी इसे 50 एकड़ में बनाया जा रहा है और आने वाले वक्त में इसे बढ़ाते हुए ज्यादा से ज्यादा इत्र कारोबारियों को लाभांवित करने की योजना भी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्यात नीति में बदलाव कर भी सरकार ने इत्र व्यापारियों को लाभांवित किया है। ताकि इत्र कारोबारी देश ही नहीं विदेशों में भी इत्र की महक को फैला सके।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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