वाराणसी, उत्तर प्रदेश | वाराणसी में सात साल पुराने संतों के प्रतिकार यात्रा के दौरान हिंसा मामले में हिंदूवादी नेता अरुण पाठक को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विश्व हिंदू सेना के चीफ अरुण पाठक के अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने कुर्की की कार्रवाई को भी रोकने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं इस मामले में सुनवाई के लिए 27 जनवरी की अगली तारीख मुकर्रर की है.
बताते चलें कि इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास सहित कई अन्य लोगों के नाम थे. हाल में ही वाराणसी कोर्ट से जमानत लेनी पड़ी थी. लेकिन अब इस मामले में हाईकोर्ट ने पहले शख्स अरुण पाठक के गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर जारी किया है.
क्या है पूरा मामला !
दरअसल साल 2015 में अखिलेश सरकार के दौरान गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर सन्तों ने सड़क पर बड़ा आंदोलन किया था. इस आंदोलन में पुलिस ने संतों और बटुकों पर बर्बर लाठीचार्ज किया था. लाठीचार्ज के विरोध में संतो ने 5 अक्टूबर 2015 को प्रतिकार यात्रा निकाली. इस यात्रा के दौरान वाराणसी के गोदौलिया चौहारे पर जमकर बवाल और आगजनी हुई थी.