लखनऊ ब्यूरो । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सिविल कोर्ट में दोपहर बाद शूट आउट में पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ब्र्ह्मदत्त दि्वेदी हत्याकाण्ड के मुख्य अभियुक्त गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गयी। शूआउट में एक बच्ची के भी मरने और पुलिस कर्मी समेत कई लोगों के घायल होने की खबर मिली है। हत्यारे कौन हैं और उनकी जीवा के क्या दुश्मनी है यह जानकारी अभी आना बाकी है। उत्तर प्रदेश के ही मुजफ्फर नगर का रहने वाला जीवा ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकाण्ड में ही उम्र कैद सजा जेल में काट रहा था।
जीवा पर सुपारी किलिंग, हत्या, अपहरण, लूट समेत दो दर्जन मुकदमें हैं जिसमें 17 मुकदमों में वह बरी हो चुका था। जीवा का इतना खौफ था कि उसके खिलाफ गवाह टिकता नहीं था। जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी है। पायल ने भारत के मुख्य न्यायधीश को चिट्टी लिखकर आशंका जताई थी कि कोर्ट में पेशी के दौरान उनके पति की हत्या करवाई जा सकती है और हत्या हो गयी। सभी हमलावर वकीलों के वेष में आए थे।
वकीलों ने एक हमलावर को दबोच लिया। वह कम उम्र का ही है जैसे अतीक-असरफ के हत्यारे थे। पुलिस ने जीवा का मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी से भी जोड़ा और इनके गिरोह का सदस्य बताया। मुन्ना बजरंगी की पहले ही बागपत जेल में हत्या हो चुकी है और मुख्तार जेल में हैं। यह भी कहा गया कि गैंगस्टर संजीव उर्फ जीवा भाजपा विधायक कृष्णानन्त राय हत्याकाण्ड में भी आरोपी था।
इस हत्या काण्ड में मुख्तार को सजा हो चुकी है। हालांकि अपराध की दुनिया में जीवा भाजपा के कद्दावर नेता और कल्याण सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी की फर्रुखाबाद में हत्या के बाद सुर्खियों में आया था। पूर्व विधायक विजय सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने शूटर जीवा को ब्रह्मदत्त की हत्या की सुपारी दी थी।
फिलहाल लखनऊ कोर्ट में हत्याकाण्ड के बाद विपक्षी दल यूपी सरकार पर हमलावर हैं और यहां की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। पूर्व मुख्मंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। यादव में कहा कि न बेटियां सुरक्षित हैं और न कोर्ट-कचहरी।