कवर्धा, छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पांडातराई पुलिस ने मानवता की मिशाल पेश की है. अकेली बेसहारा महिला के पति को कोई कंधा देने वाला नहीं था. सालों पहले किए गलती की सजा ग्रामीण व्यक्ति को दिया गया. मरने के बाद गांव, परिवार और समाज के लोगों ने उसके शव को हाथ नहीं लगाया. अकेली महिला अपने पति के शव के पास रोती बिलखती पड़ी रही. इसकी सूचना पुलिस को मिलने पर मानवता का परिचय देते हुए उसकी रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
पूरा मामला कुछ इस तरह से है. थाना पांडातराई क्षेत्र के ग्राम बैगा टोला निवासी वर्तमान में ग्राम परसवारा में निवासरत रज्जू मेरावी पिता स्व. बलीराम मरावी उम्र 50 वर्ष का 07 सितम्बर 2022 को बीमारी के चलते मृत्यु हो गया था. उनके घर में केवल उनकी पत्नी इंदिरा बाई विश्वकर्मा रहती थी. उक्त मृत व्यक्ति के शव के अंतिम संस्कार करने के लिए कोई भी परिजन सामने नहीं आ रहे थे. इसकी सूचना थाना पांडातराई पुलिस टीम को मिली. इस पर थाना पांडातराई प्रभारी निरीक्षक जे.एल. शांडिल्य के द्वारा थाना टीम के साथ ग्राम परसवारा पहुंच आवश्यक जानकारी लिया गया.
पुलिस टीम ने की महिला की मदद
पुलिस को पता चला कि रज्जू 20 सील पहले पहली पत्नी बच्चों को छोड़कर दूसरी शादी कर दूसरी पत्नी के साथ रहने लगा था. इसके कारण उनके समाज के द्वारा उन्हें बहिष्कृत कर दिया गया था. इसी कारण कोई भी मृतक परिवार पक्ष से एवं उनकी दूसरी पत्नी के माइके पक्ष से मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए सामने नहीं आ रहे थे. इसके बाद उनकी पत्नी रातभर गांव में पति के मृत्यु के बाद शव रखकर रोती बिलखती रही. पुलिस ने मानवता दिखाते हुए मृत रज्जू के शव का पूर्ण विधि विधान से पत्नी इंदिरा बाई के समक्ष थाना पांडातराई निरीक्षक एवं स्टाप व ग्राम पंचायत परसवारा के सरपंच प्रतिनिधि बहल राम साहू एवं ग्राम कोटवार रामवतार चौहान के उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया.