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खत्म होने वाला है Jio का धमाकेदार New Year ऑफर, फ्री में पाएं 29 दिन की एक्स्ट्रा वैलिडिटी और डेटा

नए साल का सेलिब्रेशन हर तरह चल रहा है, इसी कड़ी में देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने भी एक अपने Happy New Year offer की घोषणा की है। Reliance Jio इस ऑफर के तहत अपने 336 दिनों के प्लान के साथ 29 दिनों की एक्स्ट्रा वैलिडिटी ऑफर कर रही है। जियो का 2,545 प्रीपेड रिचार्ज प्लान अब पूरे 365 दिनों तक चलेगा। यह नए साल के उपलकक्ष में कंपनी द्वारा पेश किया जा रहा एक सीमित समय ऑफर है। मौजूदा और नए दोनों रिलायंस जियो यूजर्स इसका लाभ उठा सकते हैं। आइए अब आपको बताते हैं कि ये Jio Offer कब तक के लिए वैलिड है और इस प्लान के बेनिफिट्स क्या हैं:

 

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कब तक लाइव है Happy New Year offer 
रिलायंस जियो यूजर्स इस ऑफर का फायदा 2 जनवरी 2022 तक उठा सकते हैं। यानी की यूजर्स को अगर इस प्लान बेनिफिट लेने है तो उन्हें 2 जनवरी से पहले इस प्लान से रिचार्ज करना होगा। एक्स्ट्रा वैधता के अलावा इस प्लान में किसी तरह का कोई भी बदलाव नहीं हुआ है।  

 

Reliance Jio Rs 2,545 plan बेनिफिट 
रिलायंस जियो की ओर से ऑल-न्यू हैप्पी न्यू ईयर ऑफर में अनलिमिटेड लोकल और नेशनल कॉलिंग की सुविधा है। इसमें प्रतिदिन 100 एसएमएस और 1.5GB डेटा मिलता है। लिमिटेड पीरियड ऑफर के तहत प्लान में 365 दिनों की वैलिडिटी दी जा रही है। यह प्लान रिलायंस जियो की वेबसाइट और MyJio ऐप पर उपलब्ध है। इसके अलावा Reliance Jio यूजर्स को इस प्लान के साथ JioSuite ऐप्स का मुफ्त एक्सेस भी मिलता है जिसमें JioCinema, JioTV, JioCloud और बहुत कुछ शामिल हैं।

 

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पिछले साल हैप्पी न्यू ईयर ऑफर में मिलता था ये फायदा 
2020 में भी, रिलायंस जियो ने अपने प्रीपेड ग्राहकों और JioPhone ग्राहकों के लिए ‘2020 हैप्पी न्यू ईयर’ ऑफर शुरू किया था। इस प्लान में प्रतिदिन 1.5GB डेटा के साथ अनलिमिटेड वॉयस कॉल, डेली 100 एसएमएस और Jio ऐप्स का फ्री सब्सक्रिप्शन मिलता है। उस वक्त यह प्लान 365 दिनों की वैलिडिटी के साथ आया था। 

 

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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