नई दिल्ली | हत्या की कोशिश के एक मामले में फंसे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और भाजपा विधायक नितेश राणे को सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए नितेश राणे को गिरफ्तारी से 10 दिन की मोहलत दी है। इसके अलावा अदालत ने भाजपा विधायक को कोर्ट के सामने सरेंडर करने और नियमित जमानत लेने का निर्देश दिया है।
महाराष्ट्र के कंकावली से भाजपा विधायक नितेश राणे के खिलाफ सिंधुदुर्ग के कंकावली पुलिस स्टेशन में धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज है। सिंधुदुर्ग जिले की सत्र अदालत से नितेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने बांबे हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी।
क्या है मामला?
संतोष परब नाम के एक शख्स ने नितेश राणे के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज करवाया था। परब ने अपनी शिकायत में कहा था कि बाइक से जाते वक्त नितेश ने अपनी कार से उसे टक्कर मार दी थी। टक्कर मारने के बाद विधायक ने जान से मारने की कोशिश भी की। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने हमलावर का नाम गोते सावंत ओर नितेश राणे सुना था।
हालांकि, नितेश राणे ने इन आरोपों को निराधार बताया है। नितेश राणे के वकील ने कहा कि जिस शख्स ने शिकायत दर्ज करवाई है वह शिवसेना का कार्यकर्ता है। राज्य सरकार के इशारे पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।