कर्नाटक | मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक हिजाब विवाद पर बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर कहा कि, हिजाब पहनना इस्लाम धर्म की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है।
याचिकाकर्ताओं द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब हाई कोर्ट ने कुछ यूँ दिया :-
1. क्या हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा है?
इसके जवाब में हाईकोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है.
2. क्या यूनिफॉर्म पहनने से इनकार करना प्रिस्क्रिप्शन अधिकारों का उल्लंघन है?
इस जवाब में हाईकोर्ट ने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकता है.
3. क्या 5 फरवरी का राज्य सरकार का फैसला मनमाना है और अनुच्छेद 14-15 का उल्लंघन है?
इसके जवाब में हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार के पास 5 फरवरी का शासनादेश जारी करने का अधिकार था. इसे अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कुछ ऐसा तथ्य नहीं पेश कर पाए, जिससे लगे कि सरकार ने फैसला मनमाने ढंग से लागू किया हो.
4. क्या कॉलेज प्रशासन के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच के आदेश देने का कोई मामला बनता है?
इसके जवाब में हाईकोर्ट ने कहा कि नहीं, कॉलेज प्रशासन के खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं बनता है.
तीन जजों की बेंच ने सुनाया फैसला
सरकार के स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने पर बैन लगाने के आदेश के खिलाफ छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 9 फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया। छात्रों ने अपनी याचिका में कहा थी कि उन्हें क्लास के अंदर भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि यह इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा है।