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UP Election 2022 : BJP अपने इन 44 विधायकों की काट सकती है टिकट, देखिये सूची 100 वर्तमान विधायकों की टिकट कटने की अटकलें है तेज़

दिल्ली। उत्तर प्रदेश भाजपा में पिछले 72 घंटों से चल रहे भूचाल में अभी एक और अहम मोड़ आ सकता है। ख़बरों की माने तोह BJP अपने 44 वर्तमान विधायकों की टिकट काट सकती है। ऐसे में भाजपा से चल रहे नेताओं के पलायन की गति आगे आने वाले दिनों में और रफ्तार पकड़ सकती है। माना जा रहा है की इन विधायकों रिपोर्ट अच्छी नहीं है जिस वजह से इनकी टिकट कटना लगभग तय है।

नाम – विधानसभा

रमा शंकर सिंह- मड़िहान
अशोक कुमार राणा- धामपुर
कृष्णा पासवान – खागा फतेहपुर
सूर्य प्रताप- पथरदेवा
संजीव राजा- अलीगढ़
करण पटेल –बिंदकी फतेहपुर
सुरेश्वर सिंह- महसी
उमेश मलिक- बुढ़ाना
सत्यवीर त्यागी- मेरठ
मनीष असीजा- फिरोजाबाद
नंद किशोर- लोनी
देवेन्द्र सिंह- कासगंज
वीरेन्द्र- एटा
अभिजीत सिंह- बिठूर
विक्रम सिंह- खतौली
धर्मेन्द्र कु सिंह शाक्य- शेखुपुर
राजेश मिश्र- बिथरी चैनपुर
बाबू राम- पूरनपुर
मनोहर लाल- मेहरौनी
बृजभूषण – चरखारी
राजकरन- नरैनी
भगवती सागर – बिल्हौर
अभय कुमार- रानीगंज
राकेश कुमार- मेंहदावल
संजय प्रताप जायसवाल- रुधौली
राम चंद्र यादव- रुदौली
गोरखनाथ- मिल्कीपुर
इंद्र प्रताप- गोसाईगंज
अजय प्रताप- कर्नलगंज
श्रीराम- मोहम्मदाबाद (गोहना)
आनंद- बलिया
सुनीता सिंह- जामानिया
अलका राय- मोहम्मदाबाद (गाजीपुर)
साधना सिंह- मुगलसराय
रवीन्द्र जायसवाल- वाराणसी
भूपेश कुमार- राबर्ट्सगंज
सुरेन्द्र मैथानी- गोविंदनगर
विनय शाक्य – बिधुना
अर्चना पांडेय – छिबरामऊ
नागेन्द्र राठौर – भोजपुर
अमरसिंह खटीक – कायमगंज
आशीष सिंह आशु – बिलग्राम

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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