Zindademocracy

योगी सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों की होगी समीक्षा बैठक

लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के गांवों में विकास को नई गति देने तथा वहां की समस्या को वहीं पर दूर करने के लिए हर शुक्रवार को होने वाले ग्राम चौपाल से पांच दिन पहले जनसहभागिता से ग्राम पंचायत में वृहद रूप से सफाई अभियान चलाया जाएगा, जिसका उद्​देश्य गांवों को साफ सुथरा रखने के साथ लोगों में आपसी भाईचारे को बढ़ाना है। वहीं ग्राम चौपाल में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि वहां की वास्तविक समस्याओं से शासन को रूबरू कराया जा सके। ग्राम चौपाल को भव्य बनाने के लिए इसका व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है ताकि बड़ी संख्या में ग्रामवासी इसका हिस्सा बनें। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के गांव को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत हैं और प्रदेश के ग्रोथ इंजन में गांव के विकास पर जोर दे रहे हैं, जिसका असर दिखने भी लगा है। इसी कड़ी में ग्रामीण इलाके में ग्राम चौपाल का आयोजन किया जा रहा है।

विकास कार्यों की होगी समीक्षा बैठक
ग्राम्य विकास विभाग के कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनवरी से प्रत्येक शुक्रवार को प्रत्येक विकासखंड की 3 ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपाल का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी कमान जिले के जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण एवं उपायुक्त स्वत: रोजगार श्रम रोजगार चौपाल को दी गई है। ग्राम चौपाल को वृहद रूप देने के लिए सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, विधान परिषद सदस्य, पूर्व विधान परिषद सदस्य, अध्यक्ष जिला पंचायत, पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत, सदस्य जिला पंचायत, प्रमुख क्षेत्र पंचायत, पूर्व प्रमुख क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत के वर्तमान एवं पूर्व ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं ग्राम पंचायत सदस्यों को चौपाल में आमंत्रित किया जायेगा। इसकी शुरुआत ग्राम पंचायत में कराये गये कार्यों के निरीक्षण से होगी, जिसमें मनरेगा के कार्य, मजदूरी भुगतान, महिला मेट, समूह गठन, बीओ, सीएलएफ, बीसी सखी, विद्युत सखी, लखपति महिला, टीएचआर प्लांट, पंचायत विभाग द्वारा वित्त आयोग की धनराशि से कराये गये सभी कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

योगी सरकार की योजनाओं पर कार्यक्रम में हाेगी अहम चर्चा
चौपाल में ग्राम पंचायत में लगी लाइटों, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, जल निकासी नाली, सड़क-संपर्क मार्ग, गौ आश्रय स्थल, स्कूल भवन, स्कूल संचालन, एमडीएम, सिंचाई व्यवस्था (नहर/नलकूप), संचारी रोग, टीकाकरण, राशन वितरण, उज्जवला गैस कनेक्शन, हर घर नल से जल, आंगनबाड़ी एवं एएनएम सेन्टर का निरीक्षण, वृद्धा, विधवा एवं विकलांग पेंशन तथा छात्रवृत्ति का सत्यापन भी किया जाएगा। इस दौरान आयुष्मान कार्ड, किसान सम्मान निधि, कृषि एवं कृषि रक्षा से जुड़े विषय, प्राकृतिक एवं आर्गेनिक खेती, हर घर नल से जल जैसी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। चौपाल में गांव के लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक उपस्थित होंगे, जो मौके पर ही चकमार्ग, सार्वजनिक भूमि के मामलों की पैमाइश करेंगे। कार्यक्रम में ग्राम्य विकास विभाग के अलावा अन्य विभागों पंचायत, स्वास्थ्य, कृषि, राजस्व, शिक्षा, सिंचाई, पशुपालन, समाज कल्याण पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

समस्या के निदान के बाद लिया जाएगा फीडबैक, तैयार होगी डिजिटल डायरी
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप अच्छे कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों (संविदा सहित) को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। साथ ही उन्हे अपने पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाने के लिए प्रेरित भी किया जायेगा। चौपाल में महिला, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा कृषि संबंधी विषयों पर कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही कार्यक्रम की 19 माह में एक बार प्रदेश स्तर पर समीक्षा के लिए उपमुख्यमंत्री और मंत्री की ओर से ग्राम्य विकास विभाग की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाएगी। इतना ही नहीं चौपाल के आयोजन के एक माह बाद इसमें प्रतिभाग करने वाले अधिकारी उसी गांव में शनिवार को (तहसील / समाधान दिवस को छोड़कर) समस्या के निराकरण कर फीडबैक प्राप्त करेगें। साथ ही जिले के मुख्य विकास अधिकारी को इससे अवगत कराएंगे। हर चौपाल की डिजिटल डायरी तैयार की जायेगी, जिसमें एजेंडा बिन्दु के साथ कार्यक्रम के फोटोग्राफ्स सम्मिलित होगें। डायरी को जनपद स्तर पर संरक्षित रखी जायेगी तथा आवश्यकतानुसार इस्तेमाल में लाया जायेगा।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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