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Uttarakhand News: विधानसभा सत्र को लेकर तैयारियां तेज, पुलिस कर्मियों को दिए गए ये निर्देश…

उत्तराखंड में 05 फरवरी से प्रस्तावित विधानसभा सत्र को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। सत्र के दृष्टिगत शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा त्रुटिरहित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु  ए0पी0 अंशुमान, ADG Law & Order उत्तराखण्ड ने वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से परिक्षेत्र, जनपद प्रभारियों एवं मुख्य सुरक्षा अधिकारी विधानसभा के साथ बैठक आहूत कर निम्न निर्देश दिये ।

➡️ अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा विधान सभा के सुरक्षा ऑडिट के दौरान दिये गये निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन किये जाने के निर्देश दिये गये।
➡️ कतिपय संगठनों द्वारा विधानसभा सत्र में UCC बिल प्रस्तुत किये जाने के विरोध स्वरुप धरने/प्रदर्शनों किये जाने की सम्भावना के दृष्टिगत संगठनों के चिन्हिकरण की कार्यवाही किये जाने तथा अपने-अपने जनपदों में पुलिस/अभिसूचना तन्त्र को सर्तक कर समय से आवश्यक पुलिस प्रबन्ध कर अग्रेत्तर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराये जाने हेतु समस्त जनपद प्रभारियों को निर्देश दिये गये।
➡️ सत्र के दौरान शान्ति एवं कानून व्यवस्था हेतु जनपदों में उपलब्ध पुलिस/पीएसी बल के अतिरिक्त जनपद देहरादून को उपलब्ध कराये गये पुलिस बल का सदुपयोग किया जाये।
➡️ विधान सभा परिसर में पास धारक व्यक्तियों को ही समुचित चैकिंग/फ्रिसकिंग के उपरान्त प्रवेश की अनुमति दिये जाने, विधानसभा परिसर के अन्दर एवं बाहर व उसके आस-पास बैरिकैटिंग आदि प्रमुख स्थलों पर प्रतिदिन बीडीएस स्क्वाड से चैकिंग कराये जाने तथा पर्याप्त मात्रा में पुलिस/पीएसी बल नियुक्त किये जाने के निर्देश दिये गये।
➡️ विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की सुरक्षा उपकरणों से भली-भांति सुरक्षा जांच कराये जाने के निर्देश दिये गये।
➡️ विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न संगठनों द्वारा प्रस्तावित धरना/प्रदर्शन/घेराव आदि कार्यक्रमों के दृष्टिगत पूर्व से ही यातायात प्लान तैयार कर उसके अनुरुप रुट डाईवर्जन आदि की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि आमजनमानस को किसी प्रकार की असुविधाओं का सामना न करना पड़े।
➡️ विधानसभा भवन के आस-पास स्थित टावरों/पानी की टंकियों/टेलिफोन टावरों आदि पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मियों को नियुक्त किये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि सत्र के दौरान कोई व्यक्ति इन टावरों पर चढ़ कर अप्रिय स्थिति उत्पन्न न कर सके।
➡️ सत्र के दौरान नगर के विभिन्न भीड़-भाड़ वाले स्थानों यथा बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, टैक्सी स्टैण्ड, मुख्य बाजार, पार्क, होटल, सराय, धर्मशालाओं, धार्मिक स्थलों आदि में संदिग्ध व्यक्तियों/वस्तुओं पर सतर्क दृष्टि रखने हेतु पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मी नियुक्त किये जाने के निर्देश दिये गये।
➡️ सत्र के दौरान घटित छोटी से छोटी घटना को गम्भीरता से लेते हुए उन पर तत्काल नियमानुसार कार्यवाही किये जाने तथा विधानसभा सत्र के दौरान मांगे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर तत्काल उपलब्ध कराये जाने हेतु अपने-अपने जनपदों में नामित नोडल अधिकारियों को ब्रीफ/निर्देशित किये जाने के निर्देश दिये गये।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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