Zindademocracy

UP में सपा, पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनवा रहा ये एकलौता EXIT POLL नतीजे सामने आने के पहले तमाम एग्जिट पोल हैं जो कमल खिलने की बात कह रहे हैं।

नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों का मतदान पूरा हो गया है। अब 10 मार्च को साफ़ हो जाएगा कि किस पार्टी का कहाँ दबदबा होगा। मगर नतीजे सामने आने के पहले तमाम एग्जिट पोल हैं जो कमल खिलने की बात कह रहे हैं। इन सब के बीच एक एग्जिट पोल ऐसा भी है भाजपा समर्थकों की धड़कने बढ़ा रहा है।

इस EXIT POLL के मुताबिक :-

UP में दौड़ेगी साइकिल !
देशबंधु के एग्जिट पोल के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है। इस एग्जिट पोल की मानें तो भारतीय जनता पार्टी यूपी में 150 सीटों तक सिमटती दिख रही है। वहीं, समाजवादी पार्टी 244 सीटें तक जीत सकती है। दूसरे एग्जिट पोल की तरह देशबंधु ने भी बसपा और कांग्रेस के प्रदर्शन के खराब रहने की आशंका जताई है। यानी प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने का कांग्रेस को खास फायदा शायद न मिले।

Punjab में नहीं खिलेगा कमल !
देशबंधु के एग्जिट पोल के मुताबिक, पंजाब में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो सकती है। पार्टी को 62 से 68 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, तमाम दूसरे एग्जिट पोल में जिस आम आदमी पार्टी को लीड रोल में दिखाया गया है, वो इस एग्जिट पोल में 17-23 सीटें जीतती दिख रही है। भाजपा का हाल यहां खराब रहने का अनुमान लगाया गया है। उसे 2 से 8 सीटें मिलने की बात कही गई है। गौरतलब है कि 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए गए हैं। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव हुए हैं। इन चुनावों के नतीजे 10 मार्च यानी गुरुवार को आ रहे हैं।

उत्तराखंड में होगी कांग्रेस की वापसी !
देशबंधु के एग्जिट पोल में उत्तराखंड में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के आसार जताए गए हैं। एग्जिट पोल में 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस को 40 से 46 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं, भाजपा को 22 से 28 सीटें मिलती दिखाई गई हैं। आम आदमी पार्टी और अन्य को शून्य से 2 सीटें मिलने की संभावना है। वहीं, एग्जिट पोल मणिपुर में कड़े मुकाबले के संकेत दे रहा है। 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 23 से 27, कांग्रेस को 21 से 25 और अन्य को 10 से 14 सीटें मिलने का अनुमान है।

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram

Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

Trending