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यूक्रेन पर कब्ज़ा करने के लिए रूस के पास कम पड़ रहे हैं सैनिक, सीरीआई सैनिकों को कर रहा भर्ती यूएनआईएएन ने बताया कि रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरिया के डीर एज-जोर में स्थित, रूस ने यूक्रेन की यात्रा के लिए देश के स्वयंसेवकों को 200 डॉलर से 300 डॉलर तक की पेशकश की।

नई दिल्ली | यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस शहरी क्षेत्रों में लड़ना जानने वाले सीरियाई लोगों की भर्ती कर रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सूचना चार अमेरिकी अधिकारियों ने दी है। हालाँकि, अभी तक ये नहीं पारा चल पाया है कि कितने सीरीआई सैनिकों को रूस ने भर्ती किया है। जर्नल के मुताबिक उनमें से कुछ पहले से ही रूस में हैं और पिछले कई दिनों से दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे हैं.

यूएनआईएएन ने बताया कि रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरिया के डीर एज-जोर में स्थित, रूस ने यूक्रेन की यात्रा के लिए देश के स्वयंसेवकों को 200 डॉलर से 300 डॉलर तक की पेशकश की।

वाशिंगटन में War Study Centre के एक रिसर्चर डब्ल्यूएसजे विशेषज्ञ जेनिफर कैफेरेला ने बताया कि सीरियाई आतंकवादियों ने शहरी क्षेत्रों में लड़ाई करते हुए करीब एक दशक बिताया है, जबकि रूसी सेना और अधिकतर सेनाओं के पास यह कौशल नहीं है। बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच पिछले कई दिनों से संघर्ष जारी है। रूस द्वारा यूक्रेन के कई शहरों पर हमले किए जा चुके हैं और अब तक लाखों की संख्या आम नागरिक देश छोड़कर जा चुके हैं।

भारत सरकार यूक्रेन में फसे भारतीय छात्रों को ऑपरेशन गंगा के तहत बाहर निकालने में लगी हुई है।

मोदी ने की जेलेंस्की से बात
सोमवार, 7 मार्च को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की। सरकारी सूत्रों के मुताबिक फोन कॉल लगभग 35 मिनट तक चली। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में बनी मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत की सराहना की।

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