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पंचतत्व में विलीन धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन, पुत्र अखिलेश यादव ने दी मुखाग्नि।

उत्तर प्रदेश | मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 साल की उम्र में निधन हो गया। समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज दोपहर तीन बजे उनके पैतृक गांव सैफई में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सैफई जाकर सपा संरक्षक को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुलायम सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।\

सैफई में मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार की तैयारी की गयी। कन्नौज से चंदन की लकड़ियां लेकर सपा कार्यकर्ता सैफई पहुंचे। नेताजी के अंतिम संस्कार में कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ को उमड़ते देख अच्छी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सैफई पहुंच नेतकजी के अंतिम संस्कार में शामिल रहे। बच्चन परिवार से जया बच्चन और अभिषेक बच्चन भी अंतिम संस्कार में मौजूद रहे। इनके अलावा, अनिल अंबानी भी सैफई पहुंचे।

दोपहर तीन बजे मुखाग्नि दिए जाने के पहले मेला ग्राउंड पंडाल में उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और पंडाल ” जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है ” के नारों से गूँज उठा।

नेताजी बीते लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसके बाद से ही उनका गुरुग्राम के अस्पताल इलाज चल रहा था।

मुलायम सिंह यादव से जुड़ी कुछ अहम बातें

  • मुलायम सिंह का जन्म 22 नवंबर 1939 में इटावा जिले में हुआ था।
  • 1950 के करीब उन्होंने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी।
  • पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मुलायम यादव अपना गुरु मानते थे।
  • 1967 में विधायक बन उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की।
  • 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया।
  • 1996 से 1998 तक बतौर रक्षा मंत्री कार्यभार संभाला।
  • मुलयाम सिंह 8 बार विधानसभा के सदस्य रहें- ( 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993, 1996)
  • 7 बार लोकसभा सांसद चुने गए- (1996, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014, 2019)
  • मुलायम सिंह यादव तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहें- (1989-1991, 1993-1995 और 2003-2007)

मुलायम सिंह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें उनके पिता कुश्ती में आगे बढ़ते देखना चाहते थे। ऐसे में मुलायम सिंह का कुश्ती में सबसे पसंदीदा दांव ‘चरखा दांव’ था। इस दांव के बलबूते वे अपने प्रतिद्वंदी को आसानी से मात दे देते थे। जिसके बाद फिर उन्होंने अध्यापक बनने की ओर रुख किया। अध्यापक बनने के बाद उन्होंने पहलवानी छोड़ दी। हालांकि इसके बावजूद वे अपने गांव सैफई में दंगल का कार्यक्रम आयोजित कराया करते थे।

इसके बाद मुलायम सिंह ने अपना हाथ राजनीति में आजमाया। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर 1960 के करीब शुरू किया। इस दौरान उन्होंने लोहिया आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। फिर इसके बाद उन्होंने 1992 में समाजवादी पार्टी बनाई। मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री बने, जबकि 8 बार विधायक रहे और 7 बार सांसद चुने गए।

हालांकि उन्होंने राजनीतिक दांवपेच राममनोहर लोहिया और चरण सिंह से बखूबी सीखे। राजनीतिक गलियारों में उन्हें लाने वाले शख्स राममनोहर लोहिया थे। हालांकि मुलायम सिंह यादव पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को अपना राजनीतिक गुरू मानते थे। मुलायम सिंह ने कई बार इस बात का जिक्र किया कि चौधरी जी के साथ बैठकर उन्होंने राजनीति का हर अध्याय सीखा। यहीं से मुलायम सिंह यादव ने नेताजी बनने की क्लास ली और इसी सीख के साथ उन्होंने पहलवानी के अखाड़े से सियासत के अखाड़े तक दांव पेंच खेले और बड़े-बड़े नेताओं को पस्त कर दिया।

 

Article by : Samarth Mishra

 

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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