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खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता का समापन पुरुष व महिला दोनों वर्गों में पीयू चंडीगढ़ की टीम ओवरऑल चैंपियन

गोरखपुर, 31 मई | खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत गोरखपुर के रामगढ़ताल में आयोजित रोइंग प्रतियोगिता अभूतपूर्व यादों को समेटे बुधवार को समाप्त हो गई। आखिरी दिन 500 मीटर की दूरी के फाइनल मुकाबलों के 15 इवेंट्स में पदकों के लिए रोवर में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। पांच दिन तक चली रोइंग प्रतियोगिता में पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ के खिलाड़ियों ने रामगढ़ताल में बल्ले-बल्ले सा नजारा पेश करते हुए महिला व पुरुष दोनों वर्गों में ओवरऑल चैंपियन का खिताब जीत किया। दोनों वर्गों में पीयू ने 12 स्वर्ण जीते। पुरुष वर्ग में ओवरऑल पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला फर्स्ट रनर अप और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली सेकेंड रनर अप बनी। जबकि महिला वर्ग में ओवरऑल फर्स्ट रनर अप का पुरस्कार यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास और सेकेंड रनर अप का पुरस्कार केरला यूनिवर्सिटी को मिला।

बुधवार को रोइंग प्रतियोगिता के अंतिम दिन 500 मीटर दूरी की रोइंग में पुरुष वर्ग में सिंगल स्कल का स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के हरविंदर सिंह चीमा, लाइटवेट सिंगल स्कल का स्वर्ण इसी यूनिवर्सिटी के मलक सिंह ने जीता। जबकि महिला सिंगल स्कल में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता ब्रह्मचारी और लाइटवेट सिंगल स्कल में ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी. हेमलथा ने फाइनल जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव, विशिष्ट अतिथि अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल, कमिश्नर गोरखपुर रवि कुमार एनजी, सीडीओ संजय मीना, एडीएम सिटी विनीत सिंह, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफआई) की अध्यक्ष एवं भारतीय ओलंपिक संघ की उपाध्यक्ष श्रीमती राजलक्ष्मी सिंह देव, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव एमवी श्रीराम, आरएफआई के पूर्व अध्यक्ष कर्नल सीपी सिंह देव, स्पर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर अतुल सिंह, लीगल एडवाइजर गीतांजलि शर्मा, यूपी रोइंग एसोसिएशन के सचिव सुधीर शर्मा, हरीश शर्मा, संजीव श्रीवास्तव, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर, आल इंडिया यूनिवर्सिटी के राजीव सोबती, एसएम भट्ट, नवाबुद्दीन अहमद, क्रीड़ा भारती के आशीष जायसवाल, अविरल शर्मा आदि ने पदक पहनाकर एवं शुभंकर भेंटकर पुरस्कृत किया। ओवरऑल चैंपियन का पुरस्कार खेल मंत्री व अपर मुख्य सचिव खेल ने प्रदान किया।

500 मीटर दूरी रोइंग के अंतिम परिणाम
पुरुष वर्ग
सिंगल स्कल
स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के हरविंदर सिंह चीमा,रजत पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी के डी. नीलेश, कांस्य पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के सुमित राठी।

लाइटवेट सिंगल स्कल
स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के मलक सिंह, रजत पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के गोविंद सिंह राजपूत, कांस्य पदक एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी दरभंगा दीपांशु कुमार सिंह।

डबल कॉक्सलेस पेयर
स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के किशन पांडेय व रवि बेदवाल, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सुखदीप सिंह व आदित्य सिंह, कांस्य पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी के अजय व सोयल।

डबल स्कल
स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के करनवीर सिंह व शोभित पांडेय, रजत पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास के अरुण व गौतम, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विजय व लोकेश।

क्वाड्रपल (मेन 4)
स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, रजत पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, कांस्य पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली।

क्वाड्रपल स्कल
स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, रजत पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़।

लाइटवेट डबल स्कल
स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रविंदर व दिनेश कुमार, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के राहुल व अजय, कांस्य पदक केरला यूनिवर्सिटी के अरुण व आदिनाथ।

लाइटवेट क्वाड्रपल
स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला।

महिला वर्ग
सिंगल स्कल
स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता ब्रह्मचारी,रजत पदक पीईएसस यूनिवर्सिटी बैंगलोर की मनसा एसएम, कांस्य पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की अमनदीप कौर।

डबल स्कल
स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की खुशप्रीत कौर व दिलजोत कौर, रजत पदक केआईआईटी यूनिवर्सिटी की औपरित कौर व अविनाश कौर, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की टी. पूनम व सी. कस्तूरी।

डबल कॉक्सलेस पेयर
स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास की फती सिउबा व भगवती, रजत पदक केरला यूनिवर्सिटी की देवप्रिया व अरुंधति, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की सी. भाग्यश्री व बी. कोमल।

क्वाड्रपल (वुमेन 4)
स्वर्ण पदक केरला यूनिवर्सिटी, रजत पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी।

लाइटवेट सिंगल स्कल
स्वर्ण पदक ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी. हेमलथा,रजत पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की बी. अनीता, कांस्य पदक एसआरएम यूनिवर्सिटी की तमिल सेल्वी।

लाइटवेट डबल स्कल
स्वर्ण पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की ज्योति व विंध्या, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की गुरबानी कौर व पूनम, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की पी. काजल व एम. श्वेता।।

क्वाड्रपल स्कल
स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी।

शानदार है रामगढ़ताल, आयोजन भी बेहतरीन

विजेताओं के साथ सभी प्रतिभागियों ने रोइंग के लिए रामगढ़ताल को शानदार स्थान बताया और आयोजन को लेकर अभूतपूर्व इंतजामों की खुलकर तारीफ की।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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