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नैनीताल_कानून-व्यवस्था के मद्देनज़र प्रशासन सख्त, डीएम ने दिए यह निर्देश

नैनिताल – विगत 30 अप्रैल को मल्लीताल, नैनीताल में हुई घटना के दृष्टिगत जनपद में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु ज़िला मजिस्ट्रेट, वंदना ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए।

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जनपद की सीमाओं पर पुलिस चेकिंग सुनिश्चित की जाए। नैनीताल शहर में प्रवेश करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जाए तथा संवेदनशील स्थलों पर दिन-रात्रि पुलिस पेट्रोलिंग अभियान चलाया जाए। साथ ही जनपद में व्यापक सत्यापन अभियान भी संचालित किया जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि खुफिया तंत्र संभावित तनावग्रस्त क्षेत्रों पर सतर्क निगरानी बनाए रखें। आवश्यकतानुसार संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च आयोजित किया जाए, जिससे आम जनता में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ हो तथा असामाजिक तत्वों में भय का माहौल स्थापित हो।

उन्होंने निर्देश जारी करते हुए कहा कि आगामी जुम्मे की नमाज़ को ध्यान में रखते हुए नमाज़ स्थलों एवं संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही साइबर सेल के माध्यम से भड़काऊ पोस्ट, अफवाहें व नफरत फैलाने वाले वीडियो/पोस्ट पर निगरानी रखी जाए तथा दोषियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नैनीताल शहर के भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर सक्षम पुलिस अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने हेतु सभी परगनों में संबंधित मजिस्ट्रेट धार्मिक एवम व्यापारी इत्यादि संगठनों से वार्ता करते हुए यह सुनिश्चित करें कि पर्यटकों एवम जन सामान्य को कोई असुविधा उत्पन्न ना हो। उन्होंने नैनीताल आने वाले वाहनों विशेष रूप से दो पहिया वाहनों की लगातार चैकिंग करने के भी निर्देश पुलिस को दिए हैं।

जिलाधिकारी वंदना ने नैनीताल नगर क्षेत्रअंतर्गत चलाए जा रहे टैक्सी बाईकों, फड़ों के सत्यापन कार्य में और अधिक तेजी लाने के निर्देश उप जिलाधिकारी व परिवहन विभाग को दिए।

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने नैनीताल नगर के गाड़ी पड़ाव क्षेत्र अंतर्गत कतिपय लोगों द्वारा नगर पालिका से पूर्व में अलाटमेंट पर ली गई दुकानों व घरों को अधिक किराए पर किसी अन्य को दिए जाने की शिकायत को गंभीरतापूर्वक लेते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका नैनीताल को निर्देश दिए कि वह शीघ्र ही इसकी जाँच करें, यदिअलॉटमेंट की शर्तो को बदला गया है अथवा अन्य किसी को अधिक किराए में दिया गया है, जिससे सरकार को वित्तीय हानि हुई है ऐसे अलॉटमेंट को तत्काल निरस्त करने की कार्यवाही की जाय।

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने सचिव जिला विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए कि पूर्व में नैनीताल नगर में अतिक्रमण को हटाए जाने के जो अभियान चलाया गया था उसे पुनः चलाया जाय,तथा अवैध निर्माण पर पूर्व में जो चालान हुए हैं उनकी सुनवाई 15 दिनों में पूर्ण करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्यवाही तत्काल की जाय।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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