Zindademocracy

रुद्रपुर में विपक्षी दल कांग्रेस ने स्मार्ट मीटरों की निकली शव यात्रा,स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर हंगामा

शहर के भगत सिंह चौक से अधीक्षण अभियंता के कार्यालय तक किया प्रदर्शन

विधि विधान से शव को फूंका बोले भाजपा नहीं चाहती देश में गरीब जीव यापन करे

कांग्रेस नेता मोहन लाल खेड़ा और व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा की अगुवाई जोरदार प्रदर्शन

रुद्रपुर – (एम सलीम खान संवाददाता) उत्तराखंड में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा खास तौर पर विपक्षी दल कांग्रेस इन स्मार्ट मीटरों को सड़क पर उतर आई है और इसका जमकर विरोध कर रही है, इसी के तहत आज शहर के भगत सिंह चौक पर दर्जनों कांग्रेसी जमा हुए और शहर के मुख्य बाजार से लेकर अधीक्षण अभियंता विद्युत चन्द्रशेखर त्रिपाठी के कार्यलय तक शव यात्रा निकाली और जमकर भाजपा और अडानी के खिलाफ नारेबाजी की।

इस दौरान कहा गया कि भाजपा पूरे देश में अडानी और अंबानी की गुलाम बन गई है और गरीबों को अंधकारमय जीवन जीने के लिए विवश कर रही है वक्ताओं ने कहा भाजपा ने निकाय चुनावों के दौरान आम जनता से वादा किया था कि हम शहर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे लेकिन चुनाव जीतने के बाद भाजपा मुकर गयी, और स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को उसके गुणगान करने लगी कहा कि भाजपा विधायक शिव अरोरा ने अपने घर पर स्मार्ट मीटर लगवा कर जनता को गुमराह करने का काम किया।

क्योंकि उन्हें तो विधायक होने के नाते 4 लाख रुपए वेतन मिलता है और अन्य भत्ते में मिलते हैं इसके अलावा विधायक होने के नाते उन्हें बेशुमार यूनिट फुंकने का अधिकार है लेकिन जो गरीब दैनिक 400 रुपए की दिहाड़ी करता है वह कैसे अपनी जिंदगी का गुजर बसर करेगा उन्होंने कहा सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कह रहे हैं कि स्मार्ट मीटर पहले भाजपा के मंत्रियों और विधायकों के घरों में लगाएं जाए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस बयान को लेकर कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी क्या नहीं जानते कि उनके सरकार के मंत्रियों और विधायकों को मोटी रकम बतौर वेतन के रूप में मिलती है और अन्य भत्तों भी दिए जाते हैं।

वक्ताओं ने कहा कि शहर विधायक शिव अरोरा घोषणा कर दे कि वह स्मार्ट मीटरों के बिलों का भुगतान अपने कोटे से करेंगे, विधायक तिलक राज बेहड ने कहा कि रुद्रपुर और किच्छा में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आने वाले समय में इसे लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा, पूर्व मेयर प्रत्याशी और कांग्रेस नेता मोहन लाल खेड़ा ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि यहां गरीब भी पूरी आजादी से जी सकें और भाजपा जिस तरह खुद अडानी और अंबानी की गुलाम बन गई है आम जनता को गुलाम बनाने का मंसूबा बना चुकी है और स्मार्ट मीटर को लेकर भम्र फैलकर ग़रीबों का जीना दुश्वार कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह स्मार्ट मीटर गरीबों के जीवन को अंधकारमय कर देगा और गरीबों की मेहनत की गाढ़ी कमाई पर भाजपा डाका डालने का प्रयास कर रही, व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने सख्त लहजे में कहा कि हम स्मार्ट मीटर के खिलाफ है और रहेंगे चाहे इसके लिए हमें किसी भी हद तक क्यों न जाना पड़े हम गरीबों के साथ लूट खसोट नहीं होने देंगे, उन्होंने कहा कि भाजपा जो कहती है वो करती नहीं और जो नहीं कहती है उसे करने में अहम भूमिका निभाती है उन्होंने भाजपा को झूठों का झुंड बताया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साजिद खान ने कहा कि यह भाजपा के स्मार्ट मीटर नहीं बल्कि गरीब तबके का खून चूसने वाली मशीन है।

और उनके खिलाफ अडानी और भाजपा की बड़ी साज़िश है, उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सब कुछ बेच दिया है और बची कुची अक्सर बिजली भी अडानी के हाथों में सौंप दी है उन्होंने कहा कि अब अवाम को जागने की जरूरत है वरना भारतीय जनता पार्टी इन्सानों तक को बेंच डालेगी पूर्व दर्जा मंत्री हरीश बाबरा ने कहा बीजेपी देश में गरीब विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और देश गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को मिटाने का काम कर रही है उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी कांग्रेस इन स्मार्ट मीटरों का विरोध कर रही और प्रदेश नेतृत्व के आव्हान पर आज इन मीटरों का विरोध किया गया और आगे भी जारी रहेगा।

इस दौरान पूर्व मेयर प्रत्याशी और कांग्रेस नेता मोहन लाल खेड़ा, पूर्व दर्जा मंत्री हरीश बाबरा राहुल गांधी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष फरीद अहमद मसूरी,युथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुम्मतिर भुल्लर, पार्षद गौरव बेहड, जतिन शर्मा, परवेज कुरैशी,मौ अशफाक, कांग्रेस नेता राजेंद्र मिश्रा, एडवोकेट राजीव सिंह, एडवोकेट आर पी सिंह, एडवोकेट मधुर खेड़ा,प्रीत पाल सिंह,एन एस यू आई के चेतन भट्ट, पूर्व पार्षद रामकृष्ण कानोजिया पार्षद सरदार इन्दजीत सिंह वसी बेग, अरशद खा,

नदीम अहमद,उमर अली, रविन्द्र गुप्ता महिला महानगर अध्यक्ष मोनिका ढाली,काशिश खेड़ा, राजेश छाबड़ा सुहेल खा, नगर अध्यक्ष रंजीत सिंह राणा, आरिफ, सुशील, गीता, कंचन, सपना गिल आरती डा शाहिद राजेश प्रताप पूर्व सभासद सलीम अहमद खां,उमा सरकार, किशोर कुमार, इरफान खान,नवाब सिंह तौहिद बेग प्रदीप कालड़ा अजीज अहमद, छात्र नेता नाज़िश मसूरी,डा वकील अहमद मसूरी, दिलशाद अहमद,असलम जावेद साहिल सहित दर्जनों कांग्रेसी मौजूद थे।

 

*भारी पुलिस फोर्स के बीच हुआ विरोध प्रदर्शन*

 

कांग्रेस की प्रीपेड मीटर को लेकर विरोध प्रदर्शनों को लेकर पुलिस भी चौकन्नी नजर आई शहर कोतवाल मनोज रतूड़ी और एस ओ थाना ट्रांजिट कैंप मोहन चंद्र पांडेय के नेतृत्व में भारी पुलिस बल को तैनात किया कोतवाल मनोज रतूड़ी और थाना ट्रांजिट कैंप प्रभारी मोहन चंद्र पांडेय हर स्थित पर नजर बनाए हुए थे और उनके साथ बाजार पुलिस चौकी प्रभारी सहित 8 उप निरीक्षक और महिला पुलिस कर्मियों सहित सिपाही भी पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी पर तैनात थे, पुलिस ने पूरे विरोध प्रदर्शन पर चील की तरह नजरें गड़ाए रखी और पल पल की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देते रहे।

 

*कांग्रेस में दिखाई दी गुटबाजी जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की गैरमौजूदगी बनी चर्चा*

 

कांग्रेस ने स्मार्ट मीटर को लेकर पहले ही इस आंदोलन की घोषणा कर दी थी और कांग्रेस के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित पार्षदों को इस मामले से अवगत करा दिया गया लेकिन जनहित के इस मुद्दे कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा और महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा ने दूरी बनाए रखी, दोनों बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बना गयी हमारे संवाददाता ने जब महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा से दूरभाष पर बातचीत की तों उन्होंने बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है और अगर निमंत्रण आता तो हम जरूर पहुंचते वहीं जब कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा का फोन नंबर मिलाया गया तो फोन स्विच ऑफ मिला।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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