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HR:आम के स्वाद और सांस्कृतिक रंगों से सजेगा पिंजौर का यादवेन्द्र गार्डन, CM करेंगे उद्घाटन

सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा है कि पिंजौर के प्रसिद्ध मुगलकालीन यादवेन्द्र गार्डन में पर्यटन विभाग व बागवानी विभाग द्वारा 4 जुलाई से 6 जुलाई तक 32वें मैंगो मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे। उन्होंने कहा कि देश भर के आम उत्पादकों की सैंकडों व विविधता से भरपूर किस्मों का प्रदर्शन मैंगो मेले में किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को मैंगो मेले के शानदार आयोजन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कैंप कार्यालय में हरियाणा पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. शालीन व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करके तैयारियों का जायजा लिया व उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा पर्यटन विकास निगम व बागवानी विभाग वर्ष 1992 से यादवेन्द्र गार्डन, पिंजौर में मैंगो मेले का आयोजन कर रहा है।

मैंगो मेले के 32वें संस्करण का आयोजन इस बार 4 जुलाई से किया जाएगा, जो 6 जुलाई तक चलेगा। उन्होंने कहा कि देशभर से आम उत्पादक किसान सैकड़ों किस्म के आम लेकर आएंगे और उनकी प्रदर्शनी भी लगाएंगे। पर्यटन विभाग और बागवानी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस वार्षिक कार्यक्रम की शुरूआत देशभर में उगाए जाने वाले आमों की विविधतापूर्ण और समृद्ध किस्मों का जश्न मनाने और किसानों को अपनी उपज दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए की गई थी।

कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि बीते सालों में आम मेला एक क्षेत्रीय उत्सव से बढ़कर अंतरराष्ट्रीय ख्याति के आयोजन में बदल चुका है। मेला न केवल आम की पारंपरिक किस्मों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ आमजन को आम की नई प्रजातियों से भी परिचित कराने का बडा माध्यम बनता है।

उन्होंने कहा कि आम मेला सिर्फ आमों का उत्सव नहीं है बल्कि यह सभी के लिए गतिविधियों और आकर्षणों से भरा उत्सव है। पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मैंगों मेले की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढे, इसके लिए इसका मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से बेहतर प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि मैंगो मेले में ढांचागत विकास से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर समय से तैयारी की जाए, ताकि मेले में आने वाले आम प्रशंसकांे व पर्यटकों को अच्छा अनुभव मिले।

उन्होंने किसानों के लिए आम प्रतियोगिताओं, स्कूली विद्यार्थियों की प्रतियोगिताओं, पुरस्कार वितरण की सुनियोजित व्यवस्था बनाने पर जोर दिया, ताकि किसी को भी असुविधा का सामना न करना पडे। कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि आमजन फूड कोर्ट में देशभर से आए आम उत्पादकों की अलग-अलग किस्मों के आम के स्वाद का आनंद ले सकें, इसके लिए फूडकोर्ट में बेहतर व्यवस्था व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

 

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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