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नैनीताल में बालिका से दुष्कर्म को लेकर नहीं थम रहा आक्रोश, हिंदू संगठनों ने निकाला जुलूस

नैनीताल – शहर में बालिका से दुष्कर्म की घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। मंगलवार को हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की और जुलूस भी निकाला। जुलूस के दौरान भीड़ ने पुलिस से धक्का-मुक्की भी की।

बालिका से दुष्कर्म का आरोपी उस्मान जेल में है, लेकिन घटना को लेकर लोगों में अभी भी गुस्सा है। मंगलवार को हिंदू संगठनों ने मल्लीताल में विशाल जुलूस निकाला।

कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका के सामने सभा की। इसके बाद जुलूस हाईकोर्ट की ओर बढ़ गया। जुलूस हाईकोर्ट की ओर बढ़ा तो पुलिस ने जुलूस को रोकने का प्रयास किया, लेकिन जुलूस को नहीं रोक पाए और कार्यकर्ता आगे बढ़ गए।

बाजार से अपने घर ले गया और गैराज में कार खड़ी कर दुष्कर्म किया

नैनीताल में बालिका से दुष्कर्म के मामले में पीड़ित बालिका की मां की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक ठेकेदार उस्मान युवती को बाजार से अपने घर ले गया और वहां गैराज में खड़ी कार में उसके साथ दुष्कर्म किया।

युवती ने विरोध किया तो उसने उसे चाकू दिखाया और मुंह पर कपड़ा बांध दिया। उसने परिवार को बताने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। शिकायत में मां ने बताया कि पहली शादी से उसकी दो बेटियां हैं, जो एक निजी स्कूल में कक्षा सात और आठ में पढ़ती हैं। उसकी दूसरी शादी 2016 में यूपी के संभल जिले में हुई थी।

यहां रहने वाली बच्चियों की देखभाल के लिए वह संभल आती-जाती रहती है। उसने आगे बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से संभल में थी। उसकी छोटी बेटी 12 अप्रैल की शाम बाजार से सामान खरीदने गई थी। वहां से ठेकेदार उस्मान उसे दो सौ रुपये का लालच देकर अपने घर ले गया।

फिर गैराज में खड़ी कार में उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता लड़खड़ाती हुई घर पहुंची तो बड़ी बहन ने कारण पूछा। इस पर उसने कुछ नहीं बताया। कुछ दिन तक जब वह गुमसुम रहने लगी तो बड़ी बेटी ने पहले दादी को फोन किया।

इसके बाद मां को फोन किया। मां ने बच्ची से पूछा तो उसने घटना की जानकारी दी। इसके बाद बुधवार शाम को वह मल्लीताल थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई।

पीड़िता और बहन को छात्रावास वाले स्कूल में दाखिला दिलाने के प्रयास

नैनीताल जिला प्रशासन ने पीड़ित लड़की की काउंसलिंग कर उसे सामान्य स्थिति में लाने और उसके बाद उसकी बेहतर शिक्षा के लिए मसौदा तैयार किया है। ताकि पीड़िता और उसकी बहन को बेहतर शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाया जा सके, जिससे परिवार का भविष्य बेहतर हो सके।

शहर में हुई घटना को विभिन्न माध्यमों से देशभर में प्रचारित किया गया है। संवेदनशील मामले में हर कोई आरोपियों को कड़ी सजा देने और पीड़िता को हर बेहतर सुविधा देने की मांग कर रहा है। मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इसका संज्ञान लिया।

उन्होंने जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से बात कर निर्देश दिए। इसके बाद पीड़िता और उसकी बड़ी बहन को छात्रावास वाले स्कूल में शिक्षा दिलाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इससे बेहतर सुरक्षा भी मिलेगी। बेटी के असहनीय दर्द से आहत मां को अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद जगी है।

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