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ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : वाराणसी जिला अदालत ने हिन्दुओं के पक्ष में सुनाया फैसला वाराणसी के जिला अदालत कोर्ट ने हिन्दुओं के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी।

वाराणसी, उत्तर प्रदेश | ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी केस मामले में वाराणसी के जिला अदालत कोर्ट ने हिन्दुओं के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने हिंदू पक्ष के दावे को सुनने योग्य माना है।

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया।

ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने कहा कि मस्जिद कमेटी की तरफ से दाखिल याचिका 7 रूल 11 की तहत यह केस नहीं आता है. हिंदू पक्ष का दावा सुनने योग्य है.
सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद केस पर फैसले के बाद अब मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष कानूनी रूप से इसे चुनौती देने की तैयारी में लग गया है.
ज्ञानवापी मामले में जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने फैसला दिया है. उन्होंने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजन-दर्शन की अनुमति की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लायक माना है.

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के अनुसार कई तरह की दलीलें रखी थीं. कई तस्वीरें ऐसी थीं, जिस पर कोर्ट ने हिंदू पक्ष के दावे को सुनवाई योग्य मान लिया. इसी के तहत कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया.
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में फैसला आने के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में विशेष अलर्ट कर दिया गया है. पुलिस ने खास तौर पर मुस्लिम क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है.
ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन 22 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई में अपनी दलीलें और सबूत रखेंगे.इस पर मुस्लिम पक्ष चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जा सकता है.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महल ने इस पूरे फैसले को पढ़ने समझने की बात कही है. इसके साथ वह हाईकोर्ट में इसे चुनौती दे सकते हैं.
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने ज्ञानवापी मस्जिद के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. किसी भी मामले में अपील करना कानूनी अधिकार है.
अब इस मसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी. अंजुमन इंतजामिया कमेटी हाईकोर्ट का आदेश मिलते ही मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देगी.

 

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