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ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी हल्द्वानी में आयोजित हुआ ‘प्रज्ञान 2025’ का भव्य आयोजन,(Sustainability) रहा मुख्य विषय

हल्द्वानी – ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी परिसर में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक प्रबंधन महोत्सव ‘प्रज्ञान 2025’ का सफलतापूर्वक समापन हो गया। 9 और 10 मई को आयोजित इस शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक आयोजन का मुख्य विषय था ‘Sustainability’ जिसे आज की कॉर्पोरेट और सामाजिक दुनिया की सबसे बड़ी प्राथमिकता माना जा रहा है।

इस प्रतिष्ठित आयोजन में क्षेत्र के विभिन्न कॉलेजों और विद्यालयों से 1000 से अधिक छात्रो ने भाग लिया। छात्रों के लिए यह महोत्सव सीखने, नेतृत्व दिखाने, और अपनी रचनात्मकता प्रस्तुत करने का एक बेहतरीन मंच रहा।

प्रमुख कार्यक्रम व गतिविधियाँ:

1. Vision 2030:

छात्रों ने अपने विचारों और योजनाओं के माध्यम से यह दर्शाया कि वे 2030 तक भारत और विश्व में कैसा सकारात्मक बदलाव देखना चाहते हैं, विशेष रूप से सतत विकास के संदर्भ में।

2. Sustainability Champions:

यह गतिविधि उन छात्रों के लिए थी जो पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, और ग्रीन इनिशिएटिव्स पर अपने प्रोजेक्ट्स और दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उद्योगों और समाज में स्थायित्व को किस तरह लागू किया जा सकता है।

3. Management Games:

छात्रों ने विभिन्न रोल-प्ले और बिजनेस सिमुलेशन में भाग लेकर अपने निर्णय लेने और नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन किया।

4. Logo League:

एक रचनात्मक प्रतियोगिता, जिसमें प्रतिभागियों ने ब्रांड आइडेंटिटी को दर्शाते हुए नए लोगो डिजाइन किए – खासकर सततता और जिम्मेदार विपणन विषयों पर।

5. Simulated Stock Trading:

यह इवेंट एक आभासी शेयर बाजार अनुभव रहा, जिसमें छात्रों ने मार्केट में निवेश के निर्णय लेकर फाइनेंशियल रणनीतियों की समझ बढ़ाई।

6. Mehfil-e-Shayari और Cultural Evening:

महोत्सव की शामें रचनात्मकता और मनोरंजन से भरपूर रहीं। शायरी, संगीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया और छात्रों की प्रतिभा को मंच प्रदान किया।

उद्योग विशेषज्ञों के साथ संवाद: इंडस्ट्री प्रतिनिधियों की विशेष उपस्थिति

महोत्सव की मुख्य विशेषता रही Sustainability पर आधारित संवाद श्रृंखला, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न प्रमुख उद्योगों के अधिकारी बतौर अतिथि वक्ता शामिल हुए। इन विशेषज्ञों ने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कॉर्पोरेट सेक्टर में किस तरह से सतत विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।

उपस्थित गणमान्य अतिथि:

श्री अशोक कुमार – EHS हेड, Reckitt

श्री सौरभ Kumar दास – HR हेड, Nestle

श्री अमरनाथ गुप्ता – हेड, इंजीनियरिंग, Nestlé

श्री रोमेश शर्मा – ER मैनेजर, Nestlé

सुश्री कृतिका पांडे – HR ऑफिसर, Nestlé

इन सभी वक्ताओं ने “Sustainability in Industry”, “Employee Wellbeing”, “Future Skills”, और “Green Leadership” जैसे विषयों पर विचार रखे। छात्रों को उद्योग की जमीनी हकीकत और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में हो रहे प्रयासों को समझने का सीधा अवसर प्राप्त हुआ।

इस मौके पर डॉ. मनीष कुमार बिष्ट, निदेशक, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी परिसर ने कहा:

“प्रज्ञान 2025 न केवल एक प्रतियोगिता-आधारित आयोजन था, बल्कि यह एक ऐसा मंच था – जहाँ छात्रों ने नीतिगत सोच, सामाजिक चेतना और रचनात्मकता का अद्भुत समन्वय प्रस्तुत किया। इस वर्ष की ‘Sustainability’ थीम आने वाली पीढ़ी को जागरूक, उत्तरदायी और नवाचारी लीडर बनने की दिशा में प्रेरित करेगी।”

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक रहें मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर अभिनव चंदेल। इस मौके पर परिसर के डीन एकेडमिक्स डॉक्टर एम सी लोहनी, विभाग के hod डॉक्टर पवनदीप सहित सभी शिक्षक मौजूद रहें।

प्रज्ञान 2025 का यह आयोजन शिक्षा, उद्योग और सामाजिक विषयों के बीच एक सार्थक संवाद का प्रतीक बनकर उभरा। विश्वविद्यालय परिवार भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के माध्यम से छात्रों को वैश्विक स्तर की समझ, exposure और नेतृत्व प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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