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CM विष्णुदेव बोले- नक्सल पीड़ित छत्‍तीसगढ़ की पहचान टीस देने वाली, इस छवि को बदलने में सभी को निभानी होगी भूमिका

 रायपुर। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सल प्रभावित राज्य के रूप में होने से मन को टीस होती है। इस छवि को बदलने में सरकार के साथ ही, राजनीतिक दल, मीडिया, समाज और आम नागरिक को भी अपनी भूमिका निभानी होगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक साक्षात्कार में कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की तस्वीर और तकदीर दोनों बेहतर करने की दिशा में काम कर रही है। “हमने ही बनाया है, हम ही संवारेंगे” के सूत्र वाक्य को धारण कर मोदी की गारंटी पर काम करते हुए हम प्रदेश को ‘विकसित छत्तीसगढ़’ बनाने तैयार हैं।

मां कौशल्या की यह पावन धरती रत्नगर्भा है। यह धान का कटोरा कोयला, लौह अयस्क, डोलोमाइट, बॉक्साइट, चूना पत्थर और टिन के भंडार से भरा है। यही इस प्रदेश की असली पहचान है। नक्सल प्रभावित राज्य कहने से छत्तीसगढ़ का असल परिचय नहीं मिलता है ।

कई राज्यों से आगे हैं छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के खनिज उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान 21.09 प्रतिशत, लौह अयस्क में 17.61 प्रतिशत, चूना पत्थर में 11.70 प्रतिशत, बाक्साइट में 3.57 प्रतिशत हैं, जबकि टिन अयस्क में शत-प्रतिशत है। यहां उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण है।

2030 तक हम 300 मिलियन मतलब लगभग 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष स्टील उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। कुछ वर्षों में हम देश के दूसरे सबसे बड़े स्टील उत्पादक राज्य होंगे। इसके बावजूद देश-विदेश में छत्तीसगढ़ को केवल नक्सली प्रभावित राज्य के रूप में पहचान मिलना ठीक नहीं है। यह पहचान हम सब को मिल कर बदलनी है।

आचार संहिता खत्म होते ही कामकाज में आएगी रफ्तार

चुनावी आचार संहिता खत्म होते ही सरकार के कामकाज में तेजी देखने को मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 2047 के छत्तीसगढ़ के लिए ठोस कार्य योजना पर काम कर रही है। विकसित भारत में विकसित छत्तीसगढ़ की सबसे अच्छी भागीदारी हो, यही उनकी सरकार का लक्ष्य है। ‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की सुखद अनुभूति करा रही है। तेंदूपत्ता का 5500 रुपये मूल्य आदिवासी वनवासियों का जीवन सरल करेगा।

मजबूती से लड़ रही है डबल इंजन की सरकार

नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई पर साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के छोटे हिस्से में सिमटी नक्सल समस्या से हमारी डबल इंजन की सरकार मजबूती से लड़ रही है और हम इस के विरुद्ध लड़ाई में कामयाब होंगे। आने वाले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ को नक्सल समस्या से पूरी तरह मुक्त करना हमारा लक्ष्य है, जो अवश्य पूरा होगा। यह दुर्भाग्यजनक है कि विपक्ष नक्सल उन्मूलन की राह में रोड़ा बनकर खड़ा हो गया है। कई बार वही कहता है जो नक्सली चाहते हैं। चाहे इससे प्रदेश का कितना भी नुकसान क्यों ना हो। विपक्ष का यह रवैया ठीक नहीं है।

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