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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नाेएडा में आयोजित पांच दिवसीय इंडिया वाटर वीक-2022 के उद्धाटन समारोह में हुए शामिल नमामि गंगे का बेहतरीन असर, अब गंगा में दिखाई देने लगी डाल्फिन

ग्रेटर नाेएडा/लखनऊ | प्रदेश में पहले गंगा का सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानुपर हुआ करता था, लेकिन आज नमामि गंगे प्रोजेक्ट से कानपुर का सीसामऊ सीवर प्वाइंट सेल्फी प्वाइंट बन गया है। इतना ही नहीं नमामि गंगे परियोजना के पहले और बाद के बदलाव का असर अब अविनाशी काशी में भी दिखाई पड़ता है। पहले गंगा का जल आचमन करने योग्य नहीं होता था, आज गंगा में डॉल्फिन भी दिखाई पड़ती हैं। गंगा की अविरलता और निर्मलता दोबारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट से प्राप्त हुई है। वहीं दिसंबर तक बुंदेलखंड के हर घर में नल से जल पहुंच जाएगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा में आयोजित पांच दिवसीय इंडिया वाटर वीक-2022 के उद्धाटन समारोह में कही। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दीप जलाकर किया। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आदि मौजूद रहे।

प्रदेश में जल की पर्याप्त उपलब्धता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही कुछ संकल्प लिए थे, उनमें से जल संचयन भी एक संकल्प था, जिसके परिणाम आज सबके सामने हैं। उत्तर प्रदेश में जल की पर्याप्त उपलब्धता के साथ पर्याप्त जल संसाधन भी हैं। पहले प्रदेश के विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र को जल संचयन के मामले में डार्क क्षेत्र माना जाता था। इन क्षेत्राें में हमने पिछले कुछ वर्षों में जल संचयन को लेकर पर्याप्त उपाय कर आज हर घर में साफ पानी पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हर घर नल योजना को दिसंबर-2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।

प्रदेश में 60 से ज्यादा नदियों को किया जा चुका है पुनर्जीवित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक बड़े भूभाग पर हिमालय से आने वाली नदियां हैं, जो अपने साथ पर्याप्त सिल्ट लेकर आती हैं, जिससे कई नदियां लुप्त होने की कगार पर आ गई थी। हमें उनके पुर्नोद्धार कर उन्हे नया जीवन दिया। अब तक प्रदेश में 60 से ज्यादा नदियों को पुनर्जीवित किया जा चुका है। प्रयागराज में कुम्भ गंगा के संगम तट पर सम्पन्न हुआ, जिसमें दशकों बाद श्रद्धालुओं और संतों ने यह पहली बार अहसास किया कि गंगा का जल भी आचमन योग्य है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां प्लास्टिक थर्माकोल को प्रतिबंधित कर दिया गया है। बढ़ती हुई आबादी हमको जल संकट के लिए आगाह कर रही है ऐसे में प्रदेश में जल संरक्षण के लिए अलग-अलग स्तर पर पर्याप्त प्रयास और कार्य किए जा रहे हैं। शुद्ध पेयजल आज जीवन को बचाने की सबसे बड़ी जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अब तक 58 ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर के कार्य को पूरा किया जा चुका है और इसे युद्धस्तर पर तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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