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अमरनाथ यात्रा का नया Food Menu जारी, भठूरे, समोसे और कोल्ड ड्रिंक पर लगा बैन उन खाने की चीजों की एक श्रृंखला पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो कठिन यात्रा में तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।

नई दिल्ली | Amarnath Yatra Food Menu : अमरनाथ तीर्थ यात्रा में कोल्ड ड्रिंक, कुरकुरे स्नैक्स, डीप फ्राई और फास्ट फूड आइटम, जलेबी और हलवा जैसी भारी मिठाइयां और पूरियां व छोले भटूरे खाना अब काफी मुश्किल होगा।

श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड द्वारा जारी वार्षिक यात्रा के लिए अपने स्वास्थ्य परामर्श में उन खाने की चीजों की एक श्रृंखला पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो कठिन यात्रा में तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।

इसके लिए बाकायदा एक विस्तृत भोजन मेनू तैयार किया गया है, जो तीर्थयात्रियों और सेवा प्रदाताओं को भोजन परोसने और बेचने के लिए यात्रा क्षेत्र में आने वाले लंगर संगठनों, फूड स्‍टॉलों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर लागू होगा। यह कदम तीर्थयात्रियों को 14 किलोमीटर लंबे चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर ‘अस्वास्थ्यकर’ खाद्य पदार्थों से दूर रखने के लिए उठाया गया है, जो काफी उच्च ऊंचाई और खड़ी पहाड़ी इलाकों से गुजरता है।

अमरनाथ यात्रा के दौरान 2022 में प्राकृतिक कारणों से करीब 42 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। इसके बाद से सरकार ने स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की अनिवार्य आवश्यकता पर जोर दिया और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रखने के लिए यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर ऑक्सीजन बूथ लगाने और अस्पताल बनाए जाने जैसे कदम उठाए पिछले साल से, यात्रियों की निगरानी के लिए आरएफआईडी टैग का भी इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसी संदर्भ में तीर्थयात्रियों को फिट रहने के लिए ‘सही भोजन’ सुनिश्चित करने के लिए इस साल यह कदम उठाया जा रहा है।

अमरनाथ यात्रा 2023 के नए फूड मेनू में धार्मिक वजहों से मांसाहारी भोजन, शराब, तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोल्‍ड ड्रिंक्‍स पर भी प्रतिबंध लगाता है, लेकिन तीर्थयात्रियों को हर्बल चाय, कॉफी, कम वसा वाले दूध, फलों के रस, नींबू स्क्वैश और वेजिटेबल सूप जैसे पेय पीने की अनुमति दी गई है। हैवी पुलाव/फ्राइड राइस प्रतिबंधित किए ए गए हैं। लेकिन सामान्य चावल के साथ-साथ हल्का भोजन जैसे भुने हुए चने, पोहा, उत्तपम, इडली के साथ-साथ सामान्य दाल-रोटी और चॉकलेट भी खा सकते हैं। खीर, जई, सूखे मेवे, शहद का सेवन किया जा सकता है, लेकिन भारी फास्ट फूड जैसे छोले-भटूरे, पूरियां, पिज्जा, बर्गर, डोसा, चाउमीन के साथ-साथ अन्य तले हुए भोजन अमरनाथ पवित्र गुफा के रास्ते में वर्जित किए गए हैं।

हलवा, जलेबी, गुलाब जामुन, लड्डू, खोवा बर्फी और रसगुल्ले जैसे सभी हलवाई आइटम भी मेन्‍यू में बैन रखे गए हैं। अधिक वसा वाले क्रंची स्‍नैक्‍स, चिप्‍स, मट्ठी, नमकीन मिक्‍सचर, पकौड़े, समोसा, फ्राइड ड्राई फ्रूट्स और अन्‍य डीप फ्राई आइटम भी बैन किए गए हैं।

बताते चलें, कि अमरनाथ यात्रा में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न लंगरों के साथ-साथ ट्रेक पर आने वाली दुकानों और खाद्य स्टालों पर भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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