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उतर प्रदेश : ठण्ड की शीतलहर ने मचाया कोहराम, इन जिलों में लगा रेड अलर्ट ठंड के कारण बीते 24 घंटों में हार्ट अटैक से 11 और लकवा पड़ने से 4 लोगों की जान जा चुकी है

उत्तर प्रदेश | नए साल के पहले दिन से ही उत्तर प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड अभी बदस्तूर जारी है। जिसके चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है और उनको कामकाज करने के लिए घरों से निकलने में भी दिक्कत हो रही है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में और ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना व्यक्त की है।

कोहरे का कहर गहरा, आगरा में विजिबिलिटी हुई ज़ीरो
ठंड और शीतलहर की वजह से लोग घरों से निकलने से कतरा रहे हैं और बहुत मजबूरी होने पर ही घरों से निकल रहे हैं। घने कोहरे की वजह से सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित है। उत्तर प्रदेश से होकर गुजरने वाली दर्जनों ट्रेनें कई-कई घंटों की देरी से चल रही हैं। घने कोहरे के चलते विजिबिलिटी कम होने की वजह से लोगों को सड़कों पर वाहन चलाने में दिक्कत महसूस हो रही है पश्चिम उत्तर प्रदेश में घना कोहरा देखने को मिल रहा है। इसके चलते 5 जनवरी को सुबह 8 बजे के करीब आगरा में विजिबिलिटी 0 पहुंच गई, झांसी में ये 50 मीटर और बरेली में 200 मीटर दर्ज की गई।

उत्तर प्रदेश की पश्चिमी बेल्ट पर रेड अलर्ट
उत्तर प्रदेश के मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट मोहम्मद दानिश ने बताया कि उत्तरी यूपी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, वहीं पश्चिमी क्षेत्र के जिलों- पीलीभीत, बरेली, सहारनपुर, मेरठ और भी अन्य जिले जो पश्चिमी बेल्ट में आते हैं, वहां रेड अलर्ट घोषित किया गया है। उत्तर प्रदेश का सबसे ठंडा जिला फतेहपुर दर्ज किया गया है जिसका तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस रहा। आने वाले कुछ दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। वातावरण में हवा मौजूद होने के नाते रात्रि में गलन भी बढ़ेगी लेकिन बारिश की संभावना नहीं रहेगी और आने वाले समय में भी बारिश की स्थिति नहीं बन रही है।

ठंड हुई जानलेवा
बुधवार को हार्ट अटैक से 11 रोगियों की मौत हो गई। इनमें गंभीर हालत में आए आठ रोगियों की इलाज के दौरान मौत हुई और तीन की अस्पताल पहुंचने से पहले ही सांसें थम गईं। इसके साथ ही हैलट के न्यूरो साइंसेज विभाग में मस्तिष्क की नस फटने के रोगी बढ़ गए हैं। ब्रेन अटैक से चार रोगियों की मौत हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के जो रोगी आ रहे हैं, उनका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो गया था। इसके साथ ही जो डायबिटिक, गुर्दा, लिवर का पुराना रोगी है, उनके लिए खतरा अधिक है। कार्डियोलॉजी इमरजेंसी और ओपीडी में बुधवार को 753 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। 49 रोगियों को अस्पताल में भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया गया।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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