Zindademocracy

चुनाव से पहले खुद दरगाह पर चादर पोशी कर चुके हैं विधायक शिव अरोरा – सैयद हसीन मियां मासूमी

रुद्रपुर – (एम सलीम खान संवाददाता) शहर के इन्दचौक स्थित सैय्यद मासूम शाह मियां के दरगाह के गद्दी नशीन सैय्यद हसीन मियां ने शहर विधायक शिव अरोरा के एक लोकल फेसबुक पर दिए गए इंटरव्यू का जवाब दिया है,हसीन मियां ने दावा किया है कि जब शहर विधायक शिव अरोरा ने अपना पहला चुनाव रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था तो उन्होंने भी चुनाव लडने से पहले दरगाह पर आकर चादर पेश की थी, फिर विधायक इसे अतिक्रमण क़रार दे रहे हैं।

यह बात हैरान कर देने वाली है, उन्होंने दावा किया है शहर के इन्दचौक स्थित पर सैय्यद मासूम शाह मियां और सज्जाद अली की यह दरगाह 100 साल पुरानी है और इस दरगाह पर सभी धर्मों के लिए लोग पूरी आस्था से आते हैं और हज़रत से शिफा पाते हैं, उन्होंने कहा कि मासूम शाह मियां की दरगाह यह नवाबी दौर से यहां से स्थित है और उन्होंने इस बात को सिरे से भी खारिज कर दिया गया कि इसके अलावा भी हज़रत की दरगाह ओर कही है।

उन्होंने कहा कि मासूम शाह मियां के नाम से महज एक अल्लाह का वली ही नहीं है बल्कि एक जैसे नाम के बहुत से सूफी संत भारत की सर जमीन पर है उन्होंने तर्क दिया कि जैसे विधायक शिव अरोरा सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हो सकता उनके नाम के बहुत से लोग शहर में हैं लेकिन विधायक सिर्फ शिव अरोरा ही है वैसे ही मासूम शाह मियां की दरगाह भी रुद्रपुर में एकमात्र है, उन्होंने कहा कि हज़रत मासूम शाह मियां उस समय रुद्रपुर की सर जमीन पर आ गए थे।

जिस वक्त यहां कुछ नहीं था और उन्होंने यहां आकर तिल की खेती की थी उन्होंने कहा कि हज़रत मासूम शाह मियां ने बहुत पहले ही वो सब कुछ बता दिया था जो आज रुद्रपुर में है उन्होंने कहा कि आप ने पहले ही बता दिया था कि एक दिन वो आएगा जब रुद्रपुर में रेले दौड़ेगी,बस दौड़ाई जाएगी और शहर का चहुंमुखी विकास अपने मुंह से बोलेगा, उन्होंने साफ किया कि दरगाह वफ्फ में शामिल हैं और दरगाह से संबंधित दस्तावेज भी मौजूद हैं, उन्होंने कहा कि सैय्यद मासूम शाह मियां की दरगाह तराई में कौमी एकता की मिसाल है।

और यहां पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल उस समय चादर पेश करने आए थे जब उन्होंने नगर पालिका परिषद रुद्रपुर से चैयरमेन का चुनाव लडा था, उन्होंने कहा अपकी दरगाह से न सिर्फ मुस्लिम बल्कि हिन्दू,सिख आदि धर्मो की आस्था जुड़ी हुई है, उन्होंने कहा कि लंबे अर्से से दरगाह पर विभिन्न धर्मों के अनुयायियों द्वारा अपनी आस्था का दिया जलाया जाता है और विभिन्न धर्मों के लोग पूरी आस्था से फ़ैज़ पाते हैं, उन्होंने कहा कि इस तरह किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना बेहद अफसोसजनक है। इस दौरान इकरार सलमानी, जाकिर हुसैन, रमजान, अर्श,आदिल, निसार, सैयद नोमान भी मौजूद थे।

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