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Russia-Ukraine War: यूक्रेन संकट पर दलाई लामा ने व्यक्त किया दुख, कहा-‘बातचीत ही सबसे वाजिब तरीका’ उन्होंने कहा कि, युद्ध अब एक पुराना तरीका हो गया है और अहिंसा ही एकमात्र रास्ता है.

नई दिल्ली | यूक्रेन और रूस के जारी जंग में यूक्रेन की स्थिति पर हर देश के दिग्गजों नें दुख व्यक्त किया है। सोमवार को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने भी यूक्रेन संकट पर दुख व्यक्त किया और कहा कि, बातचीत के जरिए ही समस्याओं और असहमति का सबसे सही समाधान निकाला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि, युद्ध अब एक पुराना तरीका हो गया है और अहिंसा ही एकमात्र रास्ता है. लामा ने एक बयान में कहा कि मैं, यूक्रेन में संघर्ष को लेकर काफी दुखी हूं. हमारी दुनिया इतनी एक-दूसरे पर निर्भर हो गई है कि दो देशों के बीच हिंसक संघर्ष का यकीनन अन्य पर असर होगा।

अहिंसा ही एकमात्र रास्ता है- दलाई लामा
उन्होंने कहा कि, युद्ध अब एक पुराना तरीका हो गया है और अहिंसा ही एकमात्र रास्ता है. हमें अन्य मनुष्य को भाई-बहन मानते हुए, पूरी मानवता के एक होने का विचार विकसित करना चाहिए. इस तरह हम अधिक शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण कर पाएंगे।

बातचीत ही सबसे वाजिब तरीका-लामा
दलाई लामा ने कहा कि, समस्याओं और असहमति को हल करने का सबसे वाजिब तरीका बातचीत ही है. असल शांति आपसी समझ और एक-दूसरे के कुशलक्षेम के सम्मान से ही आती है. यूक्रेन में जल्द शांति बहाली की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए. 20वीं सदी युद्ध और रक्तपात की सदी थी. 21वीं सदी संवाद की सदी होनी चाहिए।

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