नई दिल्ली | रूस लंबे समय से यूक्रेन के यूरोपियन संस्थान, नाटो और यूरोपीय यूनियन की ओर बढ़ने के कदम का विरोध करता रहा है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन पश्चिम (देशों) की कठपुतली है और यह कभी पूर्ण देश नहीं था.
उन्होंने पश्चिमी देशों से इस बात की गारंटी देने की मांग की है कि यूक्रेन NATO (North Atlantic Treaty Organization) से नहीं जुड़ेगा.
पूर्ववर्ती सोवियत संघ के देश के तौर पर यूक्रेन के रूस के साथ सामाजिक संबंध हैं और यहां रूसी भाषा बहुतायत में बोली जाती है लेकिन रूस के हमले के बाद से यह संबंध खराब हुए हैं.
रूस ने यूक्रेन पर तब हमला किया था जब इसके रूसी समर्थक राष्ट्रपति को वर्ष 2014 में हटा दिया गया था. इसके बाद से हुए संघर्ष में 14 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
रूस और यूक्रेन में मिंस्क शांति समझौते पर दस्तखत किए थे ताकि डोनबास क्षेत्र सहित पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष को रोका जा रहे लेकिन चूंकि अब संघर्ष जारी है तो रूस ने कहा है कि हम संघर्ष वाले क्षेत्र में पीसकीपर्स (शांतिरक्षकों) को भेज रहे हैं. दूसरी ओर पश्चिमी देशों ने इसे रूस का ढकोसला करार दिया है.
रूस और यूक्रेन के बीच ताजा तनाव यूरोपीय यूनियन की सीमा पर है इसे लेकर ईयू को चिंता स्वाभाविक है. यही कारण है कि ईयू, जिसमें बड़ी संख्या में नाटो देश शामिल हैं, रूस के खिलाफ प्रतिबंध की घोषणा कर रहे है.
रूस के हमले पर यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की ओर से ट्विटर पर कहा गया, ” पुतिन ने बड़े पैमाने पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है. यूक्रेन के शांतिपूर्ण शहरों पर हमले हो रहे हैं. यह आक्रामक युद्ध है. यूक्रेन भी अपना बचाव करेगा और जीतेगा. दुनिया को पुतिन को रोकना ही होगा. यह कुछ करने का समय है.”
कुछ सप्ताह पहले ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मेक्रॉन ने तनाव में कमी के लिए रूस के राष्ट्रपति से बातचीत के वास्ते मॉस्को की उड़ान भरी थी
यूक्रेन की राजधानी कीव में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ से एडवायज़री जारी कर कहा गया है कि यूक्रेन में बहुत अनिश्चितता की स्थिति है. आप शांति बनाए रखे और अपने घरों, हॉस्टलों और रास्तों में जहां हैं, वहां सुरक्षित रहें.