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पीएम और सीएम इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से साढ़े सात लाख युवाओं को देंगे नौकरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएम ने कहा- पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर विकसित करें एमएसएमई क्लस्टर सीएम योगी ने अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस-2023 के अवसर पर क्षेत्र के समग्र विकास हेतु बैंकों द्वारा 20 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया कार्यक्रम में 3 लाख 41 हजार एमएसएमई उद्यमियों को एक साथ वितरित किया गया ऋण सीएम योगी ने कहा- लखनऊ, वाराणसी और आगरा में बनाएं यूनिटी मॉल बोले सीएम योगी- देश के अंदर ब्रांड बन चुकी है ओडीओपी योजना करोड़ों लोगों के जीवन का आधार हैं प्रदेश की एमएसएमई इकाइयां: सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम चल रहे हैं। पीएम और सीएम इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से हम साढ़े सात लाख युवाओं को नौकरी देंगे। इसके लिए हमारे उद्यमियों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विभाग पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर जमीन चिन्हित कर एमएसएमई क्लस्टर विकसित करें। साथ ही लखनऊ, वाराणसी और आगरा में यूनिटी मॉल बनाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं। वहां पर अच्छे गेस्ट हाउस और हॉस्टल बनाया जाए। एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

सीएम योगी ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस-2023 के अवसर पर लोकभवन में आयोजित एमएसएमई क्षेत्र के समग्र विकास हेतु बैंकों द्वारा 20 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तीन महीने के अंदर पहले चरण के तहत राजधानी के अवध शिल्पग्राम में यूनिटी मॉल प्रारंभ हो जाए तो बेहतर रहेगा। सीएम योगी ने कहा कि ऋण वितरण कार्यक्रम कार्यक्रम के तहत आज प्रदेश के 3 लाख 41 हजार एमएसएमई उद्यमियों को एक साथ ऋण वितरित किया जा रहा है। यह सेक्टर कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला है। एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों ने इस सेक्टर में नई जान फूंककर उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है।

सीएम योगी ने कहा कि एक समय ऐसा था कि यूपी का एमएसएमई सेक्टर दम तोड़ रहा था। सरकार की तरफ से सहयोग न मिलने से इस सेक्टर के उद्यमी हताश और निराश हो चुके थे। वहीं विगत छह वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से हमारी सरकार ने लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां चल रही हैं। ये इकाइयां करोड़ों लोगों के जीवन का आधार हैं। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने एमएसएमई सेक्टर को जीवित रखने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की योजना चलाई, जो देश के अंदर एक ब्रांड बन चुकी है। आज देश में जब भी एमएसएमई और ओडीओपी की बात होती है तो लोगों की जुबान पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश का नाम आता है।

52 उत्पादों का जीआई टैग प्राप्त करने वाला यूपी देश का अग्रणी राज्य
52 उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है। अकेले वाराणसी के 23 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। हमारे पास 75 जनपद हैं, आने वाले समय उत्तर प्रदेश के कई अन्य उत्पादों को जीआई टैग मिलेगा। वो दिन दूर नहीं है जब उत्तर प्रदेश के परंपरागत उत्पादों का डंका देश और दुनिया में बजेगा।

बायोगैस प्लांट और ऊनी धागा उत्पादन केन्द्र का हुआ लोकार्पण
कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रयागराज के ग्राम मंदर देह माफी (मंदरी) भगवत में गोबर बायोगैस प्लांट और ग्राम गांजा में ऊनी धागा उत्पादन केन्द्र का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने एमएसएमई के 14 उद्यमियों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुदान राशि वितरित की। इसके अलावा कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश शासन और भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) के बीच एमओयू का आदान प्रदान किया गया।

जीआई टैग से संबद्ध हुए उद्यमियों को मिला प्रमाण पत्र
सीएम योगी ने जीआई टैग से संबद्ध हुए 11 ओडीओपी उद्यमियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। इनमें अमरोहा की ढोलक, अलीगढ़ का ताला, बागपत के होम फार्निशिंग, बांदा के शजर पत्थर, बाराबंकी के हैंडलूम, बिजनौर के नगीना गुड क्राफ्ट, जालौन के काल्पी हैंडमेड पेपर, महोबा के गोरा पत्थर, मैनपुरी की तारकशी, संभल के हॉर्न क्राफ्ट और संतकबीर नगर के बखिरा मेटल प्रोडक्ट के उद्यमी शामिल रहे।

कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग के मंत्री राकेश सचान भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ कुमार, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री रजनीकांत सहित अन्य अधिकारी एवं एमएसएमई विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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