नई दिल्ली | Google और Facebook पर अरबों रुपये का जुर्माना लगा है। इन दोनों कंपनियों पर 237 मिलियन डॉलर (लगभग 17.6 अरब रुपये) का जुर्माना लगा है। फ्रेंच रेगुलेटर ये फाइन ने लगाया है। ये फाइन इसलिए लगाया है क्योंकि लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग से ऑप्ट आउट करना उसे स्वीकारने जितना आसान नहीं है। CNIL डेटा प्राइवेसी वॉचडॉग ने कहा है कि उनकी इनवेस्टिगेशन में इन अमेरिकी कंपनियां को दोषी पाया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि ये यूजर्स को कुकीज एक्सेप्ट करने के लिए सिंगल बटन देते हैं जिससे यूजर्स तुरंत इसे एक्सेप्ट कर सके। जबकि, इसे डिक्लाइन के लिए इतना आसान तरीका उपलब्ध नहीं है। कुकीज को रिफ्यूज करने के लिए कई क्लिक की जरूरत पड़ती है। आपको बता दें कि कुकीज डिजिटल ऐड और दूसरे कारणों के लिए इंटरनेट यूजर्स को टारगेट किया जाने वाले स्निपेट कोड हैं। यूरोपीय सरकारों के पास यू.एस. की तुलना में ज्यादा सख्त नियम हैं। इससे वेबसाइट्स को यूजर्स की एक्टिविटी पर नजर रखने के लिए पहले परमिशन लेनी होती है।
CNIL ने बताया कि फेसबुक, गूगल का फ्रेंच होमपेज और YouTube यूजर्स को हां करने के लिए कहते हैं। इसका मतलब वो फ्री होकर अपनी सहमति नहीं दे रहे हैं। ये फ्रेंच डेटा प्रोटेक्शन रूल्स का उल्लंघन है। इसको देखते हुए दोनों टेक कंपनियों पर अरबों रुपये का जुर्माना लगाया गया है। फ्रेंच वॉचडॉग ने Google पर 150 मिलियन यूरो और फेसबुक पर 60 मिलियन यूरो का फाइन लगाया है। ये भी कहा गया उनपर डेली 100,000 यूरो का फाइन लगेगा अगर वो इसे फ्रांस से यूजर्स के लिए तीन महीने के अंदर आसान नहीं बनाते हैं।