उत्तराखंड | चार धाम यात्रा शुरू के बाद से कब तक 39 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। राज्य की स्थास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने बताया कि इन सभी मौतों की वजह हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याएं और माउंटेन सिकनेस (ऊंचाई से संबंधित समस्या) हैं। इस साल उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू हुए सिर्फ 13 दिन ही हुए हैं और इतने काम दिनों में इंटने श्रद्धालुओं की मौत की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं।
3 मई को अक्षय तृतीया के पर्व से शुरू हुई चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की इन मौतों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया है। सीएम के निर्देश पर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने दिशानिर्देश जारी किए और साथ ही मंदिरों में उमड़ रही भारी भीड़ के मद्देनजर प्रत्येक धाम में दर्शन के लिए निर्धारित दैनिक श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की है।
इसके अलावा पहले से बीमार लोगों को अपने डॉक्टर की रिपोर्ट, अपनी दवाएं और डॉक्टर का फोन नम्बर अपने साथ रखने को कहा गया है। इसके साथ ही हृदय रोग, श्वांस रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खांसी होना या अन्य लक्षण होने पर तत्काल सबसे करीब के स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचने तथा हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करने को कहा गया है।