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युवा कंटेंट क्रिएटर पहुंचाएं जरूरतमंद नागरिकों तक महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि युवाओं को राष्ट्र निर्माण और विकास की प्रकिया में सहभागी होने का महत्वपूर्ण अवसर मिलता है। इस कार्य को वे दायित्व मानकर करेंगे तो शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को जरूरतमंद नागरिकों तक पहुंचाने का कार्य आसान हो जाएगा। इस दिशा में  युवा कंटेंट क्रिएटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य शासन ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स युवाओं को प्रोत्साहित और पुरस्कृत करेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास में स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर युवा संवाद को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज ही राज्य शासन ने स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन प्रारंभ किया है। युवा कंटेंट क्रिएटर्स प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। शासन द्वारा ऐसे युवाओं को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम में बताया गया कि श्रेष्ठ सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स को जनसम्पर्क विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणियों में अवार्ड प्रदान किए जाएंगे।

युवाओं ने आंचलिक बोली में प्रस्तुत किए गीत और विभिन्न कला रूप

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए युवा कंटेंट क्रिएटर्स से भेंट भी की। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न अंचलों में प्रचलित बोलियां बुंदेली, मालवी, भीली ,निमाड़ी और बघेली में अपने द्वारा तैयार कंटेंट युवाओं ने प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी क्रिएटर्स के प्रयासों की प्रशंसा की।

सिंहस्थ 2028 में मिलेगा स्वच्छ और निर्मल शिप्रा-जल से स्नान का लाभ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में नदी जोड़ो अभियान क्रियान्वित किया जा रहा है। जहां केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध चंबल नदी जोड़ो परियोजनाओं से मध्यप्रदेश का बड़ा इलाका लाभान्वित होगा, वहीं राज्य के भीतर भी नदी जोड़ो परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। इस क्रम में कान्ह- गंभीर परियोजना और शिप्रा जल को स्वच्छ, निर्मल बनाने के लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना उपयोगी सिद्ध होगी। आने वाले समय में वर्षा जल बांध में संग्रहित कर शिप्रा में छोड़ा जाएगा। यह जल स्नान आदि में उपयोग में लाया जाएगा। यह एक नवाचार है। इस जल का बाद में सिंचाई के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। बूंद-बूंद पानी बचाने के प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प को मध्य प्रदेश क्रियान्वित कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिप्रा एक बरसाती नदी है। गंगा जी की तरह  किसी ग्लेशियर से इसमें जल नहीं पहुंचता। वर्ष 1980 में गंभीर नदी से पानी पहुंचने के बाद सिंहस्थ में स्नान संभव हुए। वर्ष 1992 में भी इस प्रक्रिया को अपनाया गया। इसके पश्चात वर्ष 2016 के सिंहस्थ में नर्मदा जी का जल लेना पड़ा।  अब शिप्रा को वर्षा जल के पानी से स्वच्छ, निर्मल रखकर सिंहस्थ में स्नान के लिए जल का उपयोग किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा श्री महाकाल लोक के निर्माण के पश्चात उज्जैन आने वाले पर्यटकों की संख्या देश के अन्य धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के स्थानों की अपेक्षा काफी बढ़ गई है। 

केन-बेतवा परियोजना,शिप्रा शुद्धिकरण, प्रदेश में दुग्ध उत्पादन वृद्धि और अन्य योजनाओं पर केंद्रित कलाओं की प्रस्तुति

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को भी बुंदेलखंड अंचल में व्यापक परिवर्तन लाने वाली योजना बताया। उन्होंने योजनाओं पर केंद्रित युवाओं के गीतों को सुना और उनकी प्रशंसा की। कार्यक्रम में प्रदेश में गौ माता संरक्षण, विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत,शिप्रा शुद्धिकरण आदि पर आधारित अनेक लोकगीत और अन्य रचनाएँ प्रस्तुत की गई। प्रारंभ में जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने सभी उपस्थितों का स्वागत किया। उन्होंने इस कार्यक्रम के उद्देश्य की जानकारी दी और प्रदेश भर से युवाओं, क्रिएटर्स और इन्फ्लूएंसर्स की बड़ी संख्या में उपस्थिति लिए आभार  व्यक्त किया।

राष्ट्र विरासत के साथ विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भौतिक प्रगति प्राप्त करने के बाद भी अनेक राष्ट्र आंतरिक स्पंदन के अभाव में टिक नहीं पाए। हमारा राष्ट्र आज वैभवशाली इतिहास और विरासत को साथ लेकर विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसमें युवाओं की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री श्री मोदी का विजन समृद्ध विरासत के साथ तीव्र प्रगति का है। मध्य प्रदेश भी इस दिशा में सक्रिय रहकर अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।

ये क्रिएटर आए मंच पर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से संवाद और उनके समक्ष विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति के लिए प्रदेश के विभिन्न अंचलों और बोलियां का प्रतिनिधित्व करने वाले जो क्रिएटर आए उनमें मान्या पांडे( बुंदेली) प्रदीप सोनी जबलपुर (महाकौशल अंचल) अमृता त्रिपाठी (भोपाल)  राजेंद्र वसुनिया (झाबुआ) प्रीतम (सीहोर) रंगमंच कलाकार प्रतीक्षा नैयर (मालवी भाभी), मिस इंडिया रहीं अपेक्षा डबराल,भोपाल, बुंदेली बाल कलाकार बिन्नू रानी (छतरपुर), अक्षय मिश्रा (बघेली), ऋतिक तिवारी (उज्जैन) और लोकेंद्र सिंह शामिल थे।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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