लखनऊ | भारत में नारी को ‘शक्ति’ का रूप माना जाता है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसी ‘शक्ति’ को प्रदेश की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है। इसी के तहत, मुख्यमंत्री योगी ने पीएसी की तीन महिला बटालियन के गठन की घोषण की है, जिस पर युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। वहीं प्रदेश के सभी 1584 थानों पर महिला बीट आरक्षी को नियुक्त करते हुए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। गौरतलब है कि प्रदेश की नारी शक्ति को सशक्त, आत्मर्निभर, स्वावलंबी बनाने के साथ उन्हे सुरक्षित माहौल देना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है। प्रदेश की बेटियां और महिलाएं जहां एक ओर योगी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर रोजगार के साथ स्वरोगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं तो उन्हे सुरक्षित माहौल देने के लिए भी योगी सरकार ने उन्हें पुलिस बलों में अहम भूमिका दी है।
बटालियन का नाम वीर नारियों पर रखा गया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण अभियान मिशन शक्ति शुरू किया गया। इसके तहत प्रदेश के पुलिस बल में 20 प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति के लिए आरक्षित किया गया, ताकि महिलाओं को सुरक्षा देने के साथ उन्हे आत्मनिर्भर बनाया जा सके। प्रदेश में वीर एवं साहसी महिलाओं के नाम पर तीन प्रांतीय सशस्त्र सीमा बल पीएसी की महिला बटालियन स्थापित की जा रही है। इन तीन बटालियन का नाम रानी अवंतीबाई लोधी, उदय देवी और झलकारीबाई के नाम पर रखा जा रहा है, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आपने प्राणों का बलिदान दिया था। यह बटालियन बदायूं, लखनऊ और गोरखपुर में स्थापित की जा रही है। पीएसी की एक महिला बटालियन में 1262 पदों पर तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। इसमें एक सेनानायक, तीन उपसेनानायक, नौ सहायक सेनानायक के साथ एक शिविरपाल, 24 इंस्पेक्टर, 108 हेड कांस्टेबल, 842 के साथ सफाईकर्मी, रसोइया के पद शामिल हैं।
पुलिस में भी बढ़ा महिलाओं का कद
थाने में आने वाले बेटियों और महिलाओं की समस्याओं को सुनने और उसके त्वरित निस्तारण के लिए योगी सरकार ने प्रदेश के 1584 थानों (जीआरपी सहित) में महिला बीट आरक्षी को नियुक्त करते हुए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। इसके लिए विशेष तौर पर महिलाओं के लिए थाना परिसर में रिसेप्शन की स्थापना की गई ताकि वह महिला आरक्षी से बेझिझक होकर अपनी बात बता सकें। पीडि़त महिला की समस्या का शत प्रतिशत निस्तारण हो और उन्हे भटकना न पड़े इसके लिए टोकन की भी व्यवस्था की गई। इस टोकन में उनकी सारी जानकारी दर्ज होती है। अब तक महिला हेल्प डेस्क के माध्यम से 3,98,686 शिकायतें मिली हैं, जिसमें से 3,89417 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। इसी प्रकार, हेल्प डेस्क के माध्यम से 1,14,269 अभियुक्तों के खिलाफ कुल 47,855 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से 81,011 अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। साथ ही 3,55,519 मामलों में थानों के वरिष्ठ अधिकारियों ने महिलाओं का फीडबैक लिया।
महिला अपराधों में आई कमी
प्रदेश के 1535 थानों में 10417 महिला पुलिस बीट का गठन किया गया है। इन नवगठित महिला पुलिस बीटों में 20740 महिला बीट पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की गई है। महिला बीट अधिकारी गांव में महिलाओं से संवाद स्थापित कर अपराध एवं अपराधियों पर लगाम लगाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। इतना ही नहीं वह योगी सरकार की ओर से महिला कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रम के संबंध में महिलाओं को जागरूक भी कर रही हैं। प्रदेश भर में महिला संबंधी अपराधों को रोकने के लिए शक्ति मोबाइल का गठन किया गया, जो पीड़ित परिवार की काउंसिलिंग के साथ अपराधियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई कर रही हैं। महिला हेल्पलाइन के जरिए 4.84 लाख महिलाओं की सहायता की गई।
एंटी रोमियो स्क्वायड ने शोहदों पर कसी नकेल
ऑनलाइन महिला अपराधों पर नकेल कसने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन में महिला साइबर सेल का गठन किया गया। इसके जरिए महिला साइबर सेल, इंटरनेट, अन्य सोशल मीडिया एप पर साइबर स्टॉकिंग एवं साइबर बुलिंग शिकायतों पर त्वरित व प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। वहीं जिलों की दूरस्थ तहसीलों में 61 महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकी परामर्श केंद्र व महिला थाने का गठन किया गया। इन चौकियों और थानों में महिला संबंधी अपराध, घरेलू हिंसा के मामले में महिलाएं शिकायत दर्ज करा रही हैं। इन केंद्रों पर महिलाओं की शिकायतों, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और तीन तलाक जैसे प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हो रहा है। बेटियों से छेड़छाड़ करने वाले शोहदों पर कार्रवाई के लिए प्रदेश में 3195 एंटी रोमियो स्क्वायड गठित किए गए। इनके द्वारा 6,75,143 स्थानों पर 28,33,893 शोहदों की चेकिंग की गई।