उत्तर प्रदेश | बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही अपना दल ने पार्टी के पहले टिकट के तौर पर एक मुस्लिम उम्मीदवार का ऐलान किया है। बीजेपी या उसके सहयोगी दलों की ओर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ऐसा दांव बेहद कम ही देखने को मिलता है। यूपी के रामपुर जिले की स्वार सीट से अपना दल (एस) ने हैदर अली खान को चुनाव मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का इसी सीट से चुनाव मैदान में उतरने की उम्मीद जताई जा रही है।
अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाले अपना दल (एस) और संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ बीजेपी के सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान के पहले ही अपना दल की ओर से यह ऐलान हुआ है। बीजेपी के सहयोगी दल की ओर से किसी मुस्लिम उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतरना बेहद दुर्लभ कदम माना जा रहा है। रामपुर के शाही खानदान से ताल्लुक रखने वाले हैदर अली खान के दादा जुल्फिकार अली खान रामपुर से पांच बार कांग्रेस पार्टी के सांसद रह चुके हैं। वहीं हैदर के पिता नवाब काजिम अली खान चार बार विधायक रहे हैं।
इस वक्त स्वार के ही बगल में रामपुर सीट से काजिम अली कांग्रेस उम्मीदवार हैं। चुनाव के ठीक पहले अपना दल (एस) के उम्मीदवार ने भी यूटर्न लिया है। उन्हें पहले स्वार विधानसभा सीट से कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन फिर वो अचानक दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से मिले। इसके बाद उन्हें आधिकारिक तौर पर स्वार सीट से ही अपना दल का प्रत्याशी घोषित किया गया है। अब्दुल्ला आजम ने वर्ष 2017 में स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था औऱ जीता था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला आजम की विधायकी इस आधार पर रद्द कर दी थी कि 2017 में नामांकन के वक्त उनकी उम्र 25 साल से कम थी। फरवरी 2020 से ही अब्दुल्ला आजम जेल में थे। उन पर धोखाधड़ी समेत कई तरह के आऱोप लगे हैं। उन्हें कुछ दिनों पहले ही जमानत मिली है और वो स्वार सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। अब्दुल्ला के पिता आजम खां रामपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं और फरवरी 2020 से वो भी तमाम आरोपों के तहत जेल में बंद हैं।