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यूपी चुनाव 2022: चौथे चरण के चुनाव में कई दिग्गजों के बीच मुकाबला टक्कर का, जानें चौथे चरण की हॉट सीटें उत्तर प्रदेश विधनसभा के तीन चरण हो चुके है और चौथे चरण के मतदान 13 को होने है।

उत्तर प्रदेश विधनसभा के तीन चरण हो चुके है और चौथे चरण के मतदान 13 को होने है। चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर चुनाव होने है। योगी सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों सहित कई बीजेपी नेताओं की साख दांव पर लगी है तो सपा, बसपा और कांग्रेस के हाईप्रोफाइल नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। तो चलिए जानते है चौथे चरण के चुनाव में कहा है हॉट सीट। कहां होगा टक्कर का मुकाबला…..

लखनऊ योगी के मंत्री दो मंत्री मैदान में-
लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है. 1991 से लेकर 2017 तक बीजेपी जीत दर्ज करती आ रही है. बीजेपी से आशुतोष टंडन एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं। लखनऊ की हाई प्रोफाइल सीट सरोजनी नगर पर सभी की निगाहें है. बीजेपी ने इस सीट पर मौजूदा विधायक स्वाति सिंह का टिकट काटकर ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह पर दाव खेला है।

रायबरेली सीट पर अदिति सिंह के लिए चुनौती
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली जिले की सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी की प्रत्याशी अदिति सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. जिनके पिताजी कांग्रेस से 1993 से 2017 तक लगातार विधायक रहे और 2017 में अदिति ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. लेकिन इस बार अदिति सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।

ऊंचाहार सीट रायबरेली की है हॉट सीट-
रायबरेली जिले की सबसे हॉट सीट ऊंचाहार विधानसभा सीट बन चुकी है। सपा से विधायक मनोज पांडेय हैट्रिक लगाने के लिए उतरे हैं तो बीजेपी ने अमरपाल मौर्य को उतारा है।

हरदोई में नितिन अग्रवाल की साख दांव पर –
हरदोई सदर विधानसभा सीट से बीजेपी ने नितिन अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका सीधा मुकाबला सपा के अनिल वर्मा से है. नितिन अग्रवाल पूर्व सांसद व मंत्री रहे नरेश अग्रवाल के बेटे हैं. नितिन अग्रवाल तीन बार से विधायक बन रहे हैं और अब चौथी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं।

हुसैनगंज सीट पर योगी के मंत्री-
फतेहपुर जिले में हुसैनगंज सीट पर सभी की निगाहें लगी है यह भी बड़ी हॉट सीट में से एक है, यह सीट यादव, मुस्लिम बहुल मानी जाती है, लेकिन बसपा के मुस्लिम कैंडिडेट के उतरने से सपा के लिए चुनौती बढ़ गई है। यहां से योगी सरकार के राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह मैदान में हैं. इस सीट से सपा ने पूर्व मंत्री मुन्ना लाल मौर्य की पत्नी उषा मौर्या को चुनावी मैदान में उतारा है।

बिंदकी सीट पर दिग्गज नेता-
फतेहपुर की बिंदकी विधानसभा सीट पर एनडीए गठबंधन अपना दल (एस) से चुनाव लड़ रहे प्रदेश सरकार के कारागार राज्य मंत्री जय कुमार सिंह जैकी की किस्मत दांव पर लगी हुई है. इससे पहले जय कुमार जैसी फतेहपुर की जहानाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे और इन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया गया था. लेकिन इस बार इनकी सीट बदल दी गई और इस चुनाव में जयकुमार जय की बिन्दकी सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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