उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्या विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और अगर लड़ेंगे तो कहाँ से लड़ेंगे इस बात की चर्चा हर ओर चल रही है। ऐसे में यह बात भी सामने आ रही है की योगी का अयोध्या से चुनाव लड़ना लगभग तय हो गया है। इससे पहले सीएम योगी के मथुरा से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर अब आम है की दिल्ली में चल रही बीजेपी की हाई लेवल मीटिंग के दौरान ये फैसला किया गया है। इस फैसले के पीछे की मंशा योगी के चेहरे पर हिंदुत्व कार्ड खेलने की है। एक तीर से दो निशाने लगाने की योजना के तहत BJP अपने कोर मतदाताओं को साफ़ सन्देश देना चाहती है की पार्टी अपने अजेंडे पर कायम है।
वहीं बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राम मंदिर एक ऐसा मुद्दा है जो हिंदुओं को एकजुट करता है । ये एक भावनात्मक मुद्दा भी है और योगी से ज़्यादा प्रासंगिक चेहरा और कौनसा हो सकता है । वे राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे हैं। योगी का इस सीट से लगाव भी है और वहां की जनता का प्यार भी उन्हें मिलता रहा है। यही कारण है कि पार्टी भी चाहती है कि योगी ही इस सीट का चेहरा बनें. इससे पहले मथुरा में जन विश्वास यात्रा के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि योगी मथुरा से पार्टी का चेहरा बनेंगे।
2017 में भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता ने इस सीट से चुनाव लड़े थे और जीते थे। अयोध्या में वेद प्रकाश गुप्ता का काफी प्रभाव माना जाता है। सात चरण के चुनाव में अयोध्या में पांचवे चरण में चुनाव होंगे। वैसे खुद मुख्यमंत्री की इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। उनका यही कहना है की पार्टी जहाँ से आदेश करेगी वो वहां से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। गोरखपुर को भी योगी के लिए ख़ास माना जाता है।
चुनाव समिति की इसी बैठक में दोनों डिप्टी CM को भी चुनाव लड़ाने के फैसले की भी खबरें आ रही हैं। बीते कुछ दिन BJP के लिए तनावपूर्ण रहे हैं , पार्टी भगदड़ की स्तिथि से गुज़र रही है। ऐसे में आलाकमान डैमेज कण्ट्रोल मोड में है और जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती।