नई दिल्ली | टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नोटिस जारी किया गया है। आम्रपाली ग्रुप का फ्लैट्स की डिलीवरी को लेकर एक विवाद चल रहा है, जिसपर 25 जुलाई, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसी दौरान महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा मामला भी सामने आया।
धोनी को आम्रपाली ग्रुप की तरफ से 150 करोड़ रुपये का बकाया लेना है, दूसरी ओर ग्रुप के ग्राहकों को उनके फ्लैट्स नहीं मिल रहे हैं ऐसे में यह मामला सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है। इसी के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से आम्रपाली ग्रुप और महेंद्र सिंह धोनी को नोटिस जारी किया गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
आम्रपाली ग्रुप और महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा यह केस पहले दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा था, जहां पर हाईकोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया था। रिटायर्ड जस्टिस वीणा बीरबल की अगुवाई में बनी इस कमेटी के जिम्मे मामले को सुलझाने का काम था।
जब कमेटी का गठन किया गया, उसके बाद ही पीड़ितों द्वारा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था। सर्वोच्च अदालत में हुई सुनवाई के दौरान पीड़ितों की ओर से यह तर्क दिया गया है कि आम्रपाली ग्रुप के पास फंड की कमी है, इसलिए उनके द्वारा बुक करवाए हुए फ्लैट नहीं मिल पा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में पीड़ितों ने रखा ये तर्क
पीड़ितों का कहना है कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसके सामने महेंद्र सिंह धोनी अपने बकाए 150 करोड़ रुपये का मामला ले गए हैं। महेंद्र सिंह धोनी आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे, इसके ही उन्हें 150 करोड़ रुपये मिलने हैं। अब पीड़ितों की ओर से तर्क दिया गया है कि अगर आम्रपाली ग्रुप एमएस धोनी के बकाये को देने में पैसे खर्च करेगा तो उनके फ्लैट नहीं मिल पाएंगे।
इसी बाबत अब सुप्रीम कोर्ट ने महेंद्र सिंह धोनी और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी किया है और अपना पक्ष रखने को कहा है। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने अभी मध्यस्थता कमेटी की सुनवाई या किसी तरह के एक्शन पर रोक नहीं लगाई है।
MS DHONI और आम्रपाली ग्रुप के बीच क्या है कनेक्शन
दरअसल, आम्रपाली ग्रुप पर आरोप था कि उन्होंने अपने कई ग्राहकों के फलैट्स अभी तक नहीं दिए हैं, पैसे लेने के बावजूद प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने पर मामला अदालत तक पहुंच गया। महेंद्र सिंह धोनी इसी दौरान आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बेसडर रहे थे। उन्होंने ग्रुप के लिए कई विज्ञापन भी शूट किए थे।
साल 2016 में नोएडा में आम्रपाली ग्रुप के कुछ प्रोजेक्ट को लेकर जब प्रदर्शन तेज़ हुआ उस वक्त एमएस धोनी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैम्पेन चलाया गया था। इस बड़े विवाद के बीच एमएस धोनी ने आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बेसडर से अपना नाम वापस ले लिया था।
हालांकि, कुछ वक्त के बाद जब मामला अदालत में चल रहा था और एक कमेटी का गठन किया गया था। तब एमएस धोनी ने अर्जी दी थी कि आम्रपाली ग्रुप पर उनका 150 करोड़ रुपये का बकाया है, जो बतौर ब्रांड एम्बेसडर उनकी फीस है।