प्रयाग भारत, पहलगाम: हमले में शामिल संदिग्ध स्थानीय आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। पुलवामा में सेना ने एक और आतंकी का घर ध्वस्त कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक पुलवामा में जैश ए मोहम्मद के आतंकी एहसान उल हक के घर को मिट्टी में मिला दिया गया। इससे पहले दो और आतंकियों के घर को सुरक्षाबलों ने तबाह किया था। जिसमें अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के त्राल के गोरी इलाके में एक आतंकी के घर को बम से उड़ाया, जबकि दूसरे संदिग्ध के घर को बुलडोर से गिराया गया। बताया जाता है कि एहसान ने 2018 में पाकिस्तान से प्रशिक्षण लिया था और हाल ही में वह फिर से कश्मीर घाटी में दाखिल हुआ था। यह पहलगाम हमले का संदिग्ध है।
संदिग्ध वस्तुएं दिखाई देने पर उड़ाया घर
दक्षिण कश्मीर के गुरी के एक गांव में सुरक्षा बलों ने चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान एक संदिग्ध आतंकी के घर को बम से उड़ा दिया। सूत्रों ने बताया कि घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को घर में कुछ संदिग्ध वस्तुएं दिखाई दीं। खतरे को भांपते हुए सुरक्षा बल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पीछे हट गए। हालांकि, पीछे हटने के कुछ ही देर बाद एक शक्तिशाली विस्फोट से घर को भारी नुकसान पहुंचा। बताया जा रहा है कि यह घर पहलगाम हमले में शामिल आतंकी आदिल का था।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
हमले में करीब 14 लोग घायल हुए हैं। तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।