नई दिल्ली | रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज पांचवा दिन है. यूक्रेन पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों ने रूस के विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है. यूरोपियन यूनियन ने रविवार को रूसी विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने का ऐलान किया. यूरोपियन यूनियन के अलावा कनाडा ने भी अपना एयरस्पेस रूस के लिए बंद कर दिया है.
यूरोपियन यूनियन की अध्यक्ष Ursula von der Leyen ने बताया कि रूस के विमानों के लिए EU का एयरस्पेस बंद कर दिया गया है. इसमें रूस के विमान, रूस में रजिस्टर्ड विमान और रूस के नियंत्रित विमान शामिल हैं. ये प्रतिबंध प्राइवेट जेट पर भी लागू होगा. यूरोपियन यूनियन में 27 देश हैं.
किन-किन देशों ने एयरस्पेस किया बंद?
कनाडा के अलावा यूरोपियन यूनियन भी एयरस्पेस बंद कर दिया है. यानी यूरोपियन यूनियन के सभी 27 सदस्य देशों का एयरस्पेस रूसी विमान नहीं कर पाएंगे.
यूरोपियन यूनियन में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड्स, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन शामिल हैं.
यूरोपियन यूनियन और कनाडा के अलावा यूके ने भी रूस की एयरलाइन कंपनी एयरोफ्लोट (Aeroflot) को अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने से मना कर दिया है. इसके जवाब में रूस ने भी ब्रिटिश एयरलाइंस को प्रतिबंधित कर दिया.
रूस के खिलाफ पश्चिमी देश
हालांकि, यूरोपियन यूनियन के ऐलान से पहले ही उसके कई सदस्य देशों ने रूस के लिए एयरस्पेस बंद कर दिया है. बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने ट्वीट किया, ‘हमारा एयरस्पेस उन लोगों के लिए खुला है जो लोगों को जोड़ते हैं, न कि उनके लिए जो क्रूरता से आक्रमण करना चाहते हैं.’
वहीं, नीदरलैंड्स के इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड वॉटरवर्क्स मिनिस्टर मार्क हार्बर्स ने ट्वीट कर लिखा, ‘हमारे एयरस्पेस में उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है जो बेवजह और क्रूर हिंसा करते हैं.’
न्यूयॉर्क के एविएशन कंसल्टेंट रॉबर्ट मान ने न्यूज एजेंसी से कहा कि यूरोपियन यूनियन और कनाडा का ये कदम अमेरिका पर भी रूसी विमानों को प्रतिबंधित करने के लिए दबाव डालेगा. उन्होंने अमेरिका की ओर से एयरस्पेस बंद करने के फैसले में देरी पर भी सवाल उठाए.
एयरस्पेस बंद होने का किस पर कितना असर?
यूरोपियन यूनियन परः एविएशन रिसर्च फर्म Cirium के एनालिस्ट जॉर्ज डिमिट्रॉफ का कहना है कि यूरोपियन एयरलाइन की रोजाना मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग के लिए एक या दो उड़ानें ही रहती हैं, इसलिए इससे उस पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की गुंजाइश नहीं है.
रूस परः जॉर्ज डिमिट्रॉफ का कहना है कि एयरोफ्लोट, रोसिया और S7 जैसी रूसी एयरलाइन कंपनियां अब डोमेस्टिक कैरियर बनकर रह जाएंगी. उनका कहना है कि एयरोफ्लोट सबसे ज्यादा इंटरनेशनल फ्लाइट चलाती है.
एविएशन इंडस्ट्री परः जेट फ्यूल की कीमतें फिर बढ़ सकती हैं. एक साल में कीमतें 50 फीसदी बढ़ चुकी हैं. रॉबर्ट मान का अनुमान है कि एयरस्पेस बंद होने से विमानों को रूट बदलना पड़ रहा है, जिससे हर घंटे पैसेंजर फ्लाइट की लागत 4 हजार डॉलर से लेकर 12 हजार डॉलर तक बढ़ रही है.